UPTET Live News

शिक्षक राजनीति विशेष मुख्यतः उत्तरप्रदेश में बने हुए विभिन्न संगठनों के लिए: हिमांशु राणा की कलम से

शिक्षक राजनीति विशेष मुख्यतः उत्तरप्रदेश में बने हुए विभिन्न संगठनों के लिए :-
जिस समय सिकंदर का आक्रमण हुआ तक्षशिला के एक चाणक्य ने भारत के समस्त राजवंशों के पास जाकर हुंकार लगाई कि देश संकट में है और लुटने वाला है , आपसी विवाद को छोड़कर सभी साथ आएं और लूटने
वालों के खिलाफ लड़ाई लड़िये लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया इसके बाद वे देश के सबसे बड़े महाराज के पास गया - महाराज नंद नृत्य सुरसेवा में व्यस्त थे लेकिन चाणक्य ने कहा कि आपसे समय चाहिए तो राजा बोले कि "ये कौन मूर्ख शिक्षक आ गया हमारा आनंद खत्म करने के लिए और उन्हें बाहर निकल दिया गया |"
चाणक्य उसके बाद किसी राजा के दरबार में नहीं गयाऔर सड़क पर बैठे चन्द्रगुप्त को भारत का सम्राट बना दिया |
ये प्रत्येक चाणक्य की जिम्मेदारी है कि जब जब राज्य सभा और लोकसभा में बैठे सत्ताधीश मदमय हो , जब जब उन्हें लगने लगे कि हम हिन्दुस्तान के आका हो गए हैं और जब जब उन्हें संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर द्वारा संवैधानिक पंक्तियों --> " We the people" को हमसे पलटकर पूछने लगें कि --> "who the people" आप कौन लोग हैं जो हमसे बात करने आए हो ?
तब तब उनकी जिम्मेदारी है कि अहंकार से जूझते लोगों के विरुद्ध बिगुल बजाएं और ऐसे लोगों को उनकी असली औकात बताएं |
-----------------------------------------
उत्तरप्रदेश में विराजमान शिक्षक प्रणाली या शिक्षकों के बीच मैं नया हूँ और इतना अधिक ज्ञान भी नहीं हैं लेकिन चूंकि मैं शिक्षक हूँ तो भाव प्रकट करना मेरा दायित्व है जो कि मात्र ऐसे संगठनों के लिए है जो कि मात्र शिक्षकों की समस्याओं को दूर कराने के लिए तो हैं नाकि शिक्षक के साथ जुड़ी असली जमीनी या मूल समस्याओं को लेकर वे इतने सक्रिय हैं |
आज सोशल मीडिया का दौर है लेकिन असली में देखा जाए तो क्या प्राथमिक विद्यालयों के हालत आज ही ऐसे हुए हैं , क्या हमेशा से सबकुछ ठीक था तो अब आने वाले शिक्षक ऐसे हालात पैदा कर दिए या कभी कुछ था ही नहीं ????? बहुत से प्रश्न हैं लेकिन आज देखा जाता है तो ये कि हम अच्छे हैं सामने वाला बुरा है |
बहुत से ऐसे संगठन हैं जो बंटे हुए हैं जो मात्र और मात्र (यहाँ मैं आज शिक्षामित्र संगठन का पक्षधर हूँ केवल इसी बात को लेकर क्यूंकि वे एक राह पर चलते हैं चाहे सही हो या गलत) हर पांच वर्ष वाले चुनाव में अपने पक्ष को सपोर्ट करते हैं जैसे फलां गुट इसका समर्थक ढिमाका गुट इसका |
ऐसा क्यों और काहे इतनी ब्रांच और काहे ऑटोक्रेसी ?
आवाज एक हो , समस्त संगठन एक हो और खुद में मजबूत होकर लगाएं लगाम :-
भ्रष्टाचारियों पर , अवैध वसूली पर , ट्रांसफर पर , पुरानी पेंशन पर आदि आदि आदि न जाने कितने मुद्दे हैं ?
लेकिन नहीं सत्ता की कुर्सी में बगल बैठने का दिव्य-स्वपन सभी अग्रणियों का है चाहे उस काबिल हो न हो |
मैं संगठन विशेष का नाम नहीं लूंगा लेकिन मा० सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय शिक्षामित्रों के विरुद्ध होने के खिलाफ भी उन्ही के लिए आवाज बुलंद कर दिए , अरे भाई क्यों ?
संविधान पर विशवास नहीं या देश की न्याय-प्रणाली पर विशवास नहीं ?
------------------------------------------------
पोस्ट का सार ये ही है बस कि शिक्षक बनकर आये थे प्रथमतः वो दायित्व पूर्ण करो , शिक्षक (चाणक्य) बनो तत्पश्चात ही राजनीति की अंगीठी पर हाथ सेकना वर्ना चुनाव हर पांच वर्ष बाद होते हैं, गुट भी बदलते रहते हैं और सत्ता भी लेकिन आजतक जो मूलभूत सेवाएं विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र/छात्राओं को मिलनी चाहिए उनसे आप कोसों दूर हैं चाहे आपका संगठन पुरातन काल का ही क्यों न हो ?
मैं न ही किसी का समर्थक हूँ और न ही किसी का विरोधी लेकिन समस्त संगठनों की बैठक होनी चाहिए केवल विद्यालयों के विकास के मुद्दों के लेकर नाकि एक मात्र शिक्षकों के लिए |
धन्यवाद
हर हर महादेव 🚩🚩🚩🚩🚩
📝 Himanshu Rana
Note :- किसी को अच्छा लगे या बुरा हम तो ऐसे ही हैं , कर दो कंप्लेंट |

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UP Teachers latest news, UPTET updates, promotion, salary hike, transfer policy, recruitment notifications and Sarkari Naukri updates in Hindi.

All Rights reserved ........ يتم التشغيل بواسطة Blogger.

Archive

शिक्षक भर्ती परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम व विषयवार नोट्स

Govt Jobs : Opening

Important Posts

advertisement

Popular Posts

UPTET news

Advertisement

UP teachers Blog....

Blog dedicated to all teachers in Uttar Pradesh

Ads

Popular Posts

Popular Posts

ख़बरें अब तक

► Today's Breaking

UPTET Big Breaking

Big Breaking

Popular Posts