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तीन माह के मातृत्व अवकाश को नई याचिका की अनुमति, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक महिला अनुदेशकों का मामला पहुंचा कोर्ट

लखनऊ : राज्य सरकार के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक महिला अनुदेशकों के लिए तीन माह के मानदेय सहित मातृत्व अवकाश की व्यवस्था पर तमाम महिला अनुदेशक खुश नहीं हैं।
इन अनुदेशकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में ऐसे अवकाश के बाबत दाखिल याचिका पर सुनवायी के दौरान अपनी नाखुशी प्रकट की एवं कोर्ट से एक नई याचिका के जरिये शासनादेश को चुनौती देने की बात कही।

दरअसल, कुछ अनुदेशकों ने सरकार से मातृत्व अवकाश की मांग को लेकर एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर राज्य सरकार ने जवाब दिया कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक महिला अनुदेशकों के लिए तीन माह के मानदेय सहित मातृत्व अवकाश की व्यवस्था 20 नवंबर, 2017 को एक शासनादेश जारी कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि सरकार ने नीतिगत निर्णय ले लिया है, इसलिए याचिका बलहीन हो गयी है। इस पर याची अनुदेशकों की ओर से असंतुष्टि जताते हुए कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक छह माह या 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश उन्हें मिलना चहिए। 1इसके साथ ही याचियों ने शासनादेश को नई याचिका के जरिये चुनौती देने की अनुमति कोर्ट से मांगी, जिसे स्वीकार करते हुए जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने याचिका को रिकॉर्ड के लिए भेज दिया।


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