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फर्जी अभ्यर्थियों पर आज तक नही हुई कोई कार्रवाई

मिर्जापुर। शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते जिले में फर्जी कागजातों के आधार पर राजकीय विद्यालयों में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। कागजात नहीं मिलने से आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
पुलिस की माने को शिक्षा विभाग फर्जी नौकरी पाने वाले शिक्षकों का कागजात उपलब्ध कराने में हीला हवाली बरत रहा है जिसके चलते उनपर कार्रवाई करने में परेशानी आ रही है।विंध्याचल मंडल में राजकीय विद्यालयों में नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2015 से शुरू हुई थी, जिसके लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में भर्ती चल रही थी। जिसमें राजकीय शिक्षक बनने के लिए दो लाख 64 हजार आवेदन प्राप्त हुएो थे, जिनकी काउंसलिंग कराई गई थी। काउंसलिंग के बाद लगभग 150 शिक्षकों ने ज्वाइन भी किया था। संयुक्त शिक्षा विभाग द्वारा अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना शुरू किया तो लगभग 305 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले। तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक ने सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर भुगतान पर रोक लगा दिया, साथ ही जिन अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नहीं किया, उनके ज्वाइनिंग पर भी रोक लगा दिया था। इसके बाद तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक देवी सहाय तिवारी को संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था। पुलिस ने तीन बार में अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया। पुलिस विभाग द्वारा जेडी कार्यालय से कागजात की मांग की गई , लेकिन आज तक कोई कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके चलते फर्जी कागजात के आधार पर नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्भियों पर आज तक कोई कार्रवाई नही हो सकी है। वही पुलिस विभाग भी पर्याप्त कागजात नहीं मिलने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहा है। इनसेट राजकीय विद्यालयों में फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ जांच व कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। - कामता राम पाल, संयुक्त शिक्षा निदेशक।
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