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आठ माह बाद भी भर्तियों से रोक हटने के इस साल आसार नहीं, प्रदेश में युवाओं की टूट रही आस

इलाहाबाद : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से होने वाली भर्तियों पर आठ महीने से लगे ग्रहण के इस महीने भी हटने के आसार नहीं हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रधानाचार्य के पदों पर दो हजार से अधिक भर्तियां जाम हैं।
आयोग के गठन के बाद ही भर्तियों की प्रक्रिया शुरू हो पाना संभव है और फिलहाल आवेदन मांगे जाने के बाद भी गठन की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मार्च महीने में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा-2014 के विज्ञापन के अनुसार करीब 1652 पदों पर होने वाली भर्तियों के साक्षात्कार पर रोक लग गई थी। तब तक इसके नौ सौ पदों पर भर्तियां हो भी चुकी थीं। शेष सात सौ पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार शासन के आदेश पर रुक गए, इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा-2017 के विज्ञापन के अनुसार लगभग 11 सौ पदों पर और प्रधानाचार्यो के ढाई सौ से अधिक पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आने के बाद सभी प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। तमाम आवेदकों ने कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल कीं, उधर आयोगों का एकीकरण करने के लिए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भंग भी कर दिया गया। इसके बाद ही उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में भर्तियों का सन्नाटा पसर गया जो अब तक कायम है। 1आवेदन मांगे जाने के बावजूद आयोग के गठन की प्रक्रिया रही है। अध्यक्ष व सदस्यों के लिए अभी आवेदन मांगे गए हैं। यह प्रक्रिया इस साल पूरा होने के आसार हैं। प्रदेश में लाखों युवाओं की आस टूट रही है तो वर्ष 2017 के इस आखिरी महीने में भी स्थिति साफ होने के आसार कम हैं।

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