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प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता की जिम्मेदारी सरकार की: उपमुख्यमंत्री दिनेश

इलाहाबाद : उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं।
परेड मैदान में सामूहिक विवाह समारोह में पहुंचे डिप्टी सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि निजी विद्यालयों में नियमावली बनाई है कि हर साल बच्चों से एडमिशन फीस न ली जाए। विद्यालय अपने से शुल्क वृद्धि नहीं कर सकेंगे।

मनमानी फीस पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। अल्पसंख्यक स्कूल भी इसके दायरे में आएंगे। प्राइवेट स्कूल बिना पूर्वानुमति के कोई भी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। छात्रों से किसी भी प्रकार का कैपिटेशन शुल्क भी ये स्कूल नहीं ले सकेंगे। कॉपी-किताब, बैग, डेस, जूते-मोजे आदि के लिए किसी विशेष दुकान से खरीदने के लिए अभिभावकों को स्कूल बाध्य नहीं कर सकेंगे। यह निर्देश यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई समेत प्रदेश में संचालित सभी बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगा। 20 हजार रुपये वार्षिक से ज्यादा फीस लेने वाले स्कूलों पर की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी मनमानी फीस के मुद्दों को स्थानीय स्तर पर हल करेगी। कमेटी में डीएम के साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। ये कमेटी ही मनमानी फीस पर अंकुश लगाएगी और स्कूलों में फीस का मानक तय करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए भी सरकार कृत संकल्प है।

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