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शिक्षामित्रों मामले में लिखित परीक्षा को लेकर आगामी शिक्षक भर्ती कोर्ट में कहीं फंस न जाए

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 25/7/2017 को अपने आदेश मे कहा है कि जो शिक्षामित्र ncte की गाइडलाइन के अनुसार योग्यता हासिल कर लिये है या कर ले, उन्हें दो अटेम्ट की भर्ती में उम्र में छूट व अनुभव का वेटेज देकर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में उन्हें मौका दिया जाये।
यदि इस आदेश का पालन ना हुआ तो उच्चतम न्यायालय क्या प्रतिक्रिया देगा शायद बिभागीय बरिष्ठ अधिकारियों को साफ मालूम होगा! अब बात करते है कि भर्ती करने के नियम तय करने का अधिकार सरकार को है लेकिन जो लोग लिखित परीक्षा में कट ऑफ रखने से पास नहीं होगे तो वे भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे, और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के क्रम मे वेटेज का लाभ नही मिलेगा फिर देश की सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना होगी कि नहीं? यदि अवमानना होगी तो यह बात राज्य सरकार के सचिव लोग नहीं जानते हैं क्या? या वह जानबूझ कर भर्ती फंसाना चाहते हैं जिससे मेटर कोर्ट मे फंसे और सरकार की छवि धूमिल हो, फिलहाल इतना तो साफ है कि अगर इसी तरह शासन मे बैठे बरिष्ठ अधिकारियों के भरोसे सरकार आगामी शिक्षक भर्ती का नीति निर्माण करती रही तो पिछली सरकार की तरह इस सरकार मे भी आगामी शिक्षक भर्ती कोर्ट मे फंसना तय है।
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