लखनऊ : बाल विकास पुष्टाहार योजना के क्रियान्वयन के लिये सर्वाधिक व्यय
भार वहन करने का बीड़ा राज्य सरकार ने उठाया है। मंगलवार को लोकभवन में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट
की बैठक में यह फैसला लिया गया।
अभी तक केंद्र सरकार 60 फीसद और राज्य
सरकार पर 40 फीसद व्यय भार आता था, लेकिन राज्य सरकार ने 75 फीसद खर्च खुद
वहन करने का निर्णय लिया है। अब केंद्र पर सिर्फ 25 फीसद बोझ होगा। कैबिनेट
ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
परिवहन नियमावली संशोधन प्रस्ताव 2018 को मंजूरी : परिवहन नियमावली संशोधन
2018 के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसमें नियुक्ति और
प्रोन्नति के लिए नियमावली बनाई है। अभी तक यह व्यवस्था शासनादेश के जरिये
चल रही थी। 2011 में जारी शासनादेश के जरिये यात्री और मालकर अधिकारी की
नियुक्ति और प्रोन्नति की व्यवस्था थी लेकिन, अब इसे नियमावली का रूप दिया
गया है।
चंदौली कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों के लिए 20 करोड़ : चंदौली के
कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों के निर्माण के लिये 22 करोड़ 64 लाख का
पुनरीक्षित आगणन किया गया था, जिसके सापेक्ष कैबिनेट ने 19 करोड़ 98 लाख 28
हजार रुपये की मंजूरी दी है। इसके लिए कुछ शर्ते भी रखी गई हैं। वित्त एवं
न्याय विभाग ने इसके लिए पहले ही अनापत्ति दे दी थी। इसका निर्माण मृदा
परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर फ्रेम्ड स्ट्रक्चर पर कराया जाना है, जबकि
कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों का मानकीकरण लोड बियरिंग पर अनुमोदित है।
चूंकि यह निर्माण अनुमोदित मानकीकरण से इतर किया जाना है, इसलिए लोड
बियरिंग के स्थान पर फ्रेम्ड स्ट्रक्चर पर कराये जाने के लिए कैबिनेट ने
मंजूरी दे दी है।
वीडियो बनाने के नियम किये सरल : कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफ एक्ट के तहत
वीडियो बनाने के नियमों को शिथिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब
इसके लाइसेंस के नियम को भी आसान बना दिया गया है ताकि केबल और होटल आदि
व्यवसाय से जुड़े लोग अपने प्रोडक्ट के बारे में वीडियो बनाकर उसका
प्रदर्शन कर सकें। अभी तक लाइसेंस के लिए मैनुअल आवेदन किये जाते थे लेकिन,
अब ऑन लाइन आवेदन होंगे।
निजी लॉजिस्टिक्स पार्क को यह मिलेंगे प्रोत्साहन : उप्र सरकार 100 एकड़ से
अधिक क्षेत्रफल पर जमीन के आवंटन से चार साल की अवधि में विकसित किये जाने
वाले लॉजिस्टिक्स पार्क को विभिन्न प्रोत्साहन देगी।
सर्किल रेट के अनुसार जमीन खरीदने की खातिर लिये गए कर्ज पर लगने वाले
वार्षिक ब्याज के 50 फीसद की प्रतिपूर्ति सात साल तक। इसकी अधिकतम सीमा 50
लाख रुपये प्रतिवर्ष होगी। लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए मददगार अवस्थापना
सुविधाओं के निर्माण की खातिर लिये गए ऋण पर सालाना अदा किये जाने वाले
ब्याज के 60 फीसद की प्रतिपूर्ति सात साल तक जिसकी वार्षिक सीमा एक करोड़
रुपये और अधिकतम सीमा 10 करोड़ रुपये होगी। विकासकर्ता को जमीन खरीदने के
लिए स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट।
रियायती दरों पर मिलेगी जमीन : वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज सरीखी लॉजिस्टिक्स
इकाइयां और मल्टी माडल हब की स्थापना के लिए रियायती दरों पर जमीन मुहैया
करायी जाएगी। जमीन की जरूरत का आकलन संबंधित विकास प्राधिकरण/यूपीएसआइडीसी
द्वारा विकासकर्ता के साथ मिलकर किया जाएगा। खासतौर पर वेयरहाउस, सिलोज और
कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए विकास प्राधिकरण/यूपीएसआइडीसी एग्रो पार्क
के पास जमीन चिह्न्ति करेंगे।
इसके अलावा कम से कम 15 जिलों में 25 एकड़ जमीन को चिह्न्ति कर फ्री ट्रेड
एंड वेयरहाउसिंग जोंस के रूप में विकसित किया जाएगा। वेयरहाउस, सिलोज और
कोल्ड स्टोरेज बनाये जाएंगे। इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना के लिए विकास
प्राधिकरण/यूपीएसआइडीसी उपयुक्त जगहों पर भूमि चिह्न्ति करेंगे। यदि कंपनी
लॉजिस्टिक्स इकाई नहीं लगाती है तो उसे संबंधित भू-आवंटन एजेंसी को मूल
कीमत पर जमीन वापस करनी होगी।
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