सिद्धार्थनगर : परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और
बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए महकमा नित नए प्रयोग कर रहा है, पर इन
स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षामित्रों की सुधि लेने की किसी के
पास
फुर्सत नहीं है। ब्लाक के धंधरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात
शिक्षामित्र विनोद भारती को पिछले 26 माह से मानदेय नहीं मिला है। हर चौखट
पर फरियाद कर थक चुका हैं। मानदेय न मिलने से उसका परिवार भुखमरी की कगार
पर है।
शिक्षा मित्र विनोद ने मानदेय के लिए मुख्यमंत्री समेत बेसिक शिक्षा
मंत्री को शिकायती पत्र देकर मानदेय दिलाने की गुहार लगाई है। बावजूद कोई
सुनवाई नहीं हो रही है। लिखा है कि वर्ष 2008 से उस विद्यालय में तैनात
हैं। अप्रैल 2015 तक मानदेय नियमित रूप से मिलता रहा, पर उसके बाद से बंद
हो गया। इससे उनका परिवार भुखमरी की चपेट में है। मानदेय न मिलने के बाद भी
वह स्कूल में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। घर चलाने के लिए पत्नी, बच्चे व
बुजुर्ग पिता मजदूरी करने को विवश हैं। इसी सहारे किसी तरह से घर चल रहा
है। तहसील दिवस पर जिम्मेदार अधिकारियों सहित वह जिलाधिकारी से भी गुहार
लगा चुके हैं, बावजूद इसके उनकी व्यथा पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। बेसिक
शिक्षा अधिकारी मनिराम ¨सह का कहना है कि जांच करवाकर शीघ्र ही बकाया
मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।
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