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566 शिक्षकों की कमी, कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर

मैनपुरी। जनपद के सहायता प्राप्त कालेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं 566 शिक्षकों की कमी चल रही है। वहीं 152 लिपिक व कर्मचारियों की कमी से भी ये कालेज जूझ रहे हैं।
ऐसे में किस प्रकार से संभव होगा कि नवीन सत्र में इन कालेजों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
जनपद के सहायता प्राप्त कालेजों में लंबे समय से शिक्षकों तथा कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है। जिसके कारण बड़ी संख्या में शिक्षकों की कमी हो गई है। अधिकतर कालेज ऐसे हैं जहां स्थाई रूप से तैनात मात्र एक या दो शिक्षक ही बचे हैं। प्राइवेट शिक्षकों के हवाले सहायता प्राप्त कालेजों की शिक्षा व्यवस्था भी होती जा रही है। खास बात तो यह है कि यदि समय रहते इन कालेजों में तैनाती नहीं की गई तो यहां ताले डल जाएंगे।

जनपद के 53 कालेजों में 39 तो प्रधानाचार्य के ही पद रिक्त चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त 113 प्रवक्ता और 414 सहायक अध्यापक के पद रिक्त चल रहे हैं। प्रधान लिपिक के नौ तथा सहायक लिपिक के 24 पद रिक्त हैं। 119 चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों के पद भी रिक्त चल रहे हैं। एक अप्रैल से नवीन सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में नवीन सत्र में शिक्षकों के सामने कई बड़ी समस्याएं होंगी।
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