वहीं लोग बाद में मिर्जापुर में अधिकारियों से मिलीभगत शिक्षक बन गए। अब फर्जी शिक्षकों की तलाश शुरू हुई तो उनके नाम भी सामने आए हैं। शिक्षक भर्ती में कई सालों से फर्जीवाड़ा चल रहा है। जिले में कई शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। इसका पर्दाफाश भी हुआ लेकिन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से वह नौकरी कर रहे हैं। एक ओर मामले की जांच भी चल रही है। इसी जांच के दौरान एक नया मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है जिले में 2015 में शिक्षक भर्ती के दौरान 11 आवेदकों के प्रमाण पत्रों फर्जी पाए गए थे। फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने की जुगत में रहे युवक कौशांबी के ही थे। प्रमाण पत्र पकड़े गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई। उस दौरान डीएम ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था।

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