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हाईकोर्ट ने किया योगी सरकार से किया सवाल – ‘शिक्षकों की भर्ती में उर्दू क्यों नहीं’

लखनऊ: 65500 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा में उर्दू भाषा को शामिल नहीं करने का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुँच गया है.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भर्ती परीक्षा में उर्दू भाषा को शामिल नहीं करने को लेकर जवाब तलब किया है.  कोर्ट ने भर्ती परीक्षा 12 मार्च को होने के कारण राज्य सरकार को 7 मार्च तक जानकारी देने को कहा है.
न्यायमूर्ति अजय भनोट ने मो. मुंतसिम की याचिका पर पेश हुए अधिवक्ता सीमांत सिंह की और से रखी गई दलीलों के सुनने के बाद ये आदेश दिया है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि उर्दू से बीटीसी उत्तीर्ण है. उसने टीईटी 2017 में भी उर्दू भाषा ली थी, लेकिन 9 जनवरी 2018 को विज्ञापित 65500 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में संस्कृत, हिन्दी व अंग्रेजी ही है. उर्दू को नहीं रखा गया है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि वह उर्दू के अलावा दूसरी भाषा चुनने में असमर्थ है क्योंकि उसने दूसरा कोई विकल्प लिया ही नहीं था.

साथ ही इस परीक्षा में संस्कृत विषय चुनने वालों को लाभ होगा क्योंकि संस्कृत बीटीसी व टीईटी के साथ शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रम में भी है. इससे याची के समानता के अधिकार का हनन हो रहा है.
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