नई दिल्ली : संसद ने ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी
है। पिछले सप्ताह लोकसभा से पारित होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा ने भी
इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे संगठित क्षेत्र के तमाम कर्मचारी 20
लाख रुपये तक करमुक्त ग्रेच्युटी प्राप्त करने के हकदार हो जाएंगे।
पहले यह
सीमा 10 लाख रुपये थी। यही नहीं, भविष्य में सरकार को ग्रेच्युटी सीमा
बढ़ाने के लिए हर बार कानून में संशोधन की जरूरत नहीं पड़ेगी।1गुरुवार को
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक राज्यसभा
में पेश किया। सदस्यों ने कई दिनों से जारी गतिरोध के बीच इसे ध्वनिमत से
पारित भी कर दिया। हालांकि उसके बाद हंगामे के चलते सभापति वेंकैया नायडू
को सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। ग्रेच्युटी
भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत लगातार पांच वर्ष तक नौकरी करने वाला कर्मचारी
नौकरी समाप्त होने पर ग्रेच्युटी प्राप्त करने का हकदार होता है।
ग्रेच्युटी की गणना नौकरी के वर्षो तथा अंतिम वेतन के आधार पर एक फामरूले
के अनुसार की जाती है।
sponsored links:
0 تعليقات