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भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ ने आयोग कर्मियों पर कसा सीबीआइ का शिकंजा, चयन होने पर सबसे पहले आयोग में किसको बोला थैंक्स

इलाहाबाद : भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ ने उप्र लोकसेवा आयोग में अभ्यर्थियों का गलत तरीके से चयन करने वालों पर शिकंजा कस दिया है। मंगलवार को अचानक आयोग पहुंचकर एसपी राजीव रंजन समेत अन्य जांच अधिकारियों ने कई अफसरों से पूछताछ की।
पीसीएस 2015 के चयनितों से मिली जानकारी के आधार पर सवालों की बौछार होने से आयोग में विभागीय अधिकारियों की जुबान लड़खड़ा गई। आयोग में जिनसे पूछताछ हुई उनके बैंक एकाउंट भी जांच अधिकारियों ने लिए। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव और चयनितों से उनके रिश्ते पर भी सवाल हुए।1एसपी राजीव रंजन के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक अधिकारी दोपहर में आयोग पहुंचे। टीम सीधे परीक्षा विभाग जा पहुंची, वहीं कंप्यूटर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी फौरन आने को कहा। करीब तीन बजे उन सभी से अलग-अलग पूछताछ शुरू हुई। सवाल पीसीएस 2015 में मॉडरेशन, स्केलिंग को लेकर ही ज्यादा रहे। चयनित अभ्यर्थियों से मिली अहम जानकारी के आधार पर सीबीआइ के सवालों ने आयोग कर्मियों को पसीना-पसीना कर दिया। पूछताछ के दौरान अन्य किसी को कक्ष में आने की अनुमति नहीं दी गई। यहां तक कि आयोग परिसर में भी किसी के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। देर शाम तक जांच अधिकारी वहीं डटे रहे। 1सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ ने पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव की ओर से मनमाने तरीके से नियुक्त हुए सेक्शन प्रभारियों और विभागों के अनुसचिवों पर तगड़ा शिकंजा कस दिया है। इन सभी से पीसीएस परीक्षाओं में मॉडरेटर के नियुक्ति प्राधिकारी, परीक्षा समिति के इस संबंध में असाधारण प्रस्ताव, मॉडरेशन में चयनितों को दिए गए नंबर के आधार और एक समान व्यवस्था के बावजूद किसी-किसी अभ्यर्थी को कम नंबर दिए जाने पर सवाल दागे। 1सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ ने उन्हीं अफसरों से पूछताछ शुरू की है जिनकी भूमिका पीसीएस 2015 में अभ्यर्थियों के चयन में पता चली है। इन सभी के बैंक एकाउंट, परिवारीजन के भी बैंक एकाउंट नंबर लिए गए। इसके अलावा इन सभी के मोबाइल नंबर भी लिए गए, सवाल यह पूछा गया कि तीन साल में उनकी पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव से क्या-क्या बातें हुईं। 1इस सख्ती से माना जाने लगा है कि जल्दी ही कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है, जिसको लेकर अन्य अधिकारियों में भी खलबली मची है।

इलाहाबाद : आपका चयन होने पर आयोग में सबसे पहले किसको फोन कर थैंक्स बोला, उनसे आपका क्या रिश्ता है। किसके माध्यम से मुलाकात हुई थी। पारिवारिक पृष्ठभूमि कैसी है, आदि-आदि। पीसीएस 2015 के चयनितों से मंगलवार को सीबीआइ ने कैंप कार्यालय में पूछताछ की शुरुआत कुछ इसी प्रकार से हुई। सुबह करीब 10 बजे से 12 बजे तक एक महिला सहित आठ चयनित अलग-अलग जिलों से आए। इनसे अधिकारियों ने अलग-अलग बैठाकर सवालों की बौछार की। इसके अलावा उनसे प्रोफार्मा भी भरवाया। दोपहर बाद अचानक पूछताछ रोक दी गई और देर शाम बताया गया कि उन्हें फिर बुलाया जा सकता है।1उप्र लोकसेवा आयोग से हुई भर्तियों की जांच में सोमवार से सीबीआइ ने पीसीएस 2015 के चयनितों से पूछताछ शुरू की है। मंगलवार को आए अभ्यर्थियों से जो सवाल पूछे गए उनमें कई बदलाव कर दिए गए। उत्तर पुस्तिकाओं पर हुए मॉडरेशन में मिली गड़बड़ी के आधार पर सीबीआइ ने इन चयनितों को चिह्न्ति किया है। हालांकि यह भी कहना है कि सभी संदिग्ध नहीं हैं। कैंप कार्यालय में इन चयनितों से पहले तो प्रोफार्मा भरवाया गया जिसमें अंत में यह लिखवाया गया कि उन्होंने जो कुछ बताया है उसके उत्तरदायी वे स्वयं हैं। इसके अलावा अपनी तरफ से सीबीआइ को क्या बताना चाहते हैं यह भी लिखित रूप से लिया गया। सूत्र बताते हैं कि दोपहर में इन चयनितों से पूछताछ अचानक रोक दी गई। उन्हें वहीं रुकने के लिए कहकर सीबीआइ अफसर आयोग की ओर रवाना हो गए। इस बीच चयनितों के चेहरे के रंग उड़ चुके थे। देर शाम तक वहीं इंतजार कर रहे चयनितों के लिए एसपी सीबीआइ का एक संदेश पहुंचा कि उन्हें वापस भेज दिया जाए। हालांकि यह भी कहा गया कि उन्हें फिर से बुलाया जा सकता है।

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