कुशीनगर-प्रदेश मे गतिमान 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा पर एक के बाद एक
प्रश्नचिह्न लगता जा रहा है।एक ओर सरकार जहाँ यथाशीघ्र परीक्षा सम्पन्न
कराकर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पूरी करना चाहती है वहीं दूसरी ओर
परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा की सुचिता पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए पक्षपात
होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
बता दें कि सूबे की सबसे बड़ी
शिक्षक भर्ती परीक्षा शुरू से ही विवादों के घेरे मे रही है।पहले टेट 2017
के विवादित प्रश्नों ने परीक्षा को बाधित किया।अब जबकि कोर्ट ने दो अंकों
के ग्रेसमार्क के साथ अपना निर्णय दे दिया है और सरकार ने अपनी संशोधित समय
सारिणी भी जारी कर दी है।ऐसे मे बहुत से परीक्षार्थी पूर्व मे जारी हुए
प्रवेश पत्र के क्रम संख्या नौ पर अंकित निर्देश को लेकर आशंकित एवं
आक्रोशित हैं।
शिक्षक भर्ती परीक्षा के परीक्षार्थी पंकज कुमार शाही,
ईश्वर चन्द गुप्त, इस्तेखार अंसारी, प्रिया शर्मा,सरिता गुप्ता, वकील
कुशवाहा, रामनरेश शर्मा, पुरंजय कुमार प्रजापति, ईशा अली आदि ने सरकार की
परीक्षा पद्धति को कठघरे मे खड़ा करते हुए बताया कि “हमने जो प्रवेश पत्र
डाउनलोड किया है उसमे निर्देश क्रमांक नौ के अनुसार उत्तर पुस्तिका के कवर
पृष्ठ पर भाग सी के अन्तर्गत निर्धारित स्थान पर अभ्यर्थी को
रोलनंबर,प्रश्न पत्र सीरीज के साथ साथ अपना नाम, पिता का नाम व कटेगरी भी
लिखना है।जबकि किसी भी परीक्षा के उत्तर पुस्तिका पर ये सूचनाएं नही मांगी
जाती हैं।”
ऐसे मे इस बात से इंकार नही किया जा सकता कि इस भर्ती मे
आगे भी पेंच लग सकता है और यदि ऐसा हुआ तो सरकार की किरकिरी होना तय है।अब
सरकार को चाहिए कि समय रहते अभ्यर्थियों के मन से संदेह को दूर करने के साथ
साथ परीक्षा को निष्पक्ष रूप से सम्पादित करने के लिए आवश्यक परिवर्तन करे
अन्यथा की स्थिति मे परीक्षा परिणाम को कोर्ट मे जाने से कोई रोक नही
सकेगा।
कुशीनगर से जटाशंकर प्रजापति की रिपोर्ट