Important Posts

Advertisement

कुलसचिव भर्ती परिणाम पर हाईकोर्ट का स्थगनादेश

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र लोकसेवा आयोग की ओर से जारी कुलसचिव भर्ती परिणाम पर स्थगनादेश पारित किया है। कोर्ट ने आयोग को फटकार लगाते हुए कहा है कि कुल 15 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं तो 12 कुल सचिव का चयन कैसे कर लिया।
कोर्ट ने कहा कि आयोग में भर्तियों की इस समय सीबीआइ जांच हो रही है इसके बावजूद अतिरिक्त कार्य और अतिरिक्त लाभ पर रिक्तियां क्यों और कैसे भरी गईं?1यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति इफाकत अली खान की खंडपीठ ने सुजीत कुमार शुक्ला की याचिका पर दिया है। सुजीत कुमार ने याचिका में कहा है कि उप्र लोकसेवा आयोग ने राज्य विश्वविद्यालय में 12 कुलसचिव पदों का विज्ञापन निकाला था। कुल 29 राज्य विश्वविद्यालय हैं लेकिन उप्र उच्च शिक्षा अधिनियम के तहत 15 ही संचालित हैं। ऐसे में कुलसचिव के पद भी 15 ही हुए। इसमें सात कुलसचिव पहले से चयनित हैं। बाकी आठ सीटों में पांच सीट यानी 33 फीसद पद पदोन्नति से भरे जाने हैं। अधिनियम में यह उल्लिखित हैं कि 33 फीसद पद पदोन्नति से और 67 फीसद आयोग की ओर से भरे जाएंगे। आयोग ने पहले पांच फिर तीन सीटों के परिणाम जारी किए। अब 12 सीटों पर कुल सचिव का परिणाम जारी किया गया है। आयोग ने कुल इस प्रकार कुल 20 कुलसचिवों के परिणाम जारी किए जबकि नियमत: आयोग 10 पद ही भर सकता है।

UPTET news