इलाहाबाद : प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा परिषद व सहायता प्राप्त प्राथमिक
स्कूलों में स्कूल चलो अभियान चलाकर बच्चों को आकर्षित जरूर किया गया
लेकिन, लंबे समय से चल रही एक भी योजना का लाभ उन्हें नहीं दिया जा सका है।
दो दिन बाद गर्मी की छुट्टी के लिए सभी स्कूल बंद हो जाएंगे और बच्चे
मायूस होकर खाली हाथ घर लौटेंगे। यह नौबत इसलिए आई, क्योंकि अफसर समय पर
सुविधा पहुंचाने की योजना नहीं बना सके।
हर शैक्षिक सत्र के पहले सरकार व विभागीय अफसर स्कूलों में पठन-पाठन का
माहौल बनाने के दावे खूब करते हैं लेकिन, पढ़ाई के साथ ही मिलने वाले
संसाधन तक मुहैया नहीं हो पा रहे हैं। पिछले सत्र में जिस तरह से जनवरी माह
तक किताबें पहुंचाने का कार्य चला, उसी तर्ज पर बेसिक शिक्षा महकमा इस बार
भी कदम बढ़ा रहा है। शायद यही वजह है कि परिषदीय स्कूलों में बच्चों का
नामांकन घट गया है। तमाम प्रयास के बाद पिछले दिनों किताबों का टेंडर हुआ
है, वहीं ड्रेस का बजट भी कुछ दिन पहले ही जिलों को आवंटित हुआ है। इसी तरह
से अन्य संसाधनों का भी हाल है। अफसरों ने पिछला सत्र खत्म होने के अंतिम
सप्ताह में यह आदेश जारी किया कि बच्चों से किताबें जमा करा ली जाएं और नए
छात्रों को आवंटित की जाएं, ताकि पढ़ाई हो सके। इसके बाद भी टेंडर
प्रक्रिया पूरी करने में लंबा समय लग गया। गर्मी की छुट्टी के बाद जब स्कूल
खुलेंगे, तब ड्रेस का इंतजाम होगा और किताबें का मध्य सत्र तक शायद उपलब्ध
हो सकें।
