लखनऊ: समायोजन रद्द
होने के बाद से शिक्षामित्र लगातार कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते साल शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर
दिया गया था।
हालांकि उसके बाद शिक्षामित्रों के आक्रोश को देखते हुए
मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के लिए कुछ सकारात्मक किये जाने का आश्वासन
दिया था। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी इस बाबत शासनादेश जारी न होने
से शिक्षामित्र नाराज हैं। लेकिन लगातार बीतते समय के साथ शिक्षामित्रों की
सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है।
शिक्षामित्रों की मांगे हैं कि आरटीई
एक्ट 2009 के तहत उन्हें पूर्ण शिक्षक का दर्जा दिया जाए। साथ ही बेसिक
शिक्षा नियमावली के अनुसार शिक्षक का पूरा वेतनमान दिया जाए। इसके साथ ही
जो शिक्षामित्र टेट पास हैं। उनको बगैर लिखित परीक्षा के नियुक्ति दी जाए।
वहीं शिक्षामित्रों को समान कार्य-समान वेतन दिया जाए। साथ ही समायोजन रद्द
होने के बाद से दिवंगत हुये शिक्षामित्रों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी
दी जाए। शिक्षामित्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को पूरी नहीं किया
जायेगा तो वे लोग आगे भी प्रदर्शन जारी रखेगे।