यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 में दो शिक्षकों पर
बड़ी कार्रवाई की है। गोपनीय एवार्ड ब्लैंक ओएमआर शीट सोशल मीडिया में लीक
करने के आरोप में बरेली व जालौन कालेजों के दो शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य
से आजीवन प्रतिबंधित किया गया है।
बोर्ड प्रशासन ने सभी शिक्षकों को संदेश
दिया है कि गोपनीय रिकॉर्ड लीक होने पर सख्त कार्रवाई होना तय है। ज्ञात
हो कि ‘दैनिक जागरण’ ने सबसे पहले दो मई को ‘सोशल मीडिया पर यूपी बोर्ड के
गोपनीय रिकॉर्ड’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से उजागर की थी।1यूपी बोर्ड की
हाईस्कूल व इंटर परीक्षा का परिणाम 29 अप्रैल को जारी हुआ। जिस तरह से इस
बार सीसीटीवी कैमरे व अन्य इंतजामों से इम्तिहान में सख्ती हुई और करीब 12
लाख ने परीक्षा छोड़ी उसका असर रिजल्ट पर बिल्कुल नहीं था। बोर्ड प्रशासन
यह स्वीकार कर रहा था कि मॉडरेशन अंक प्रणाली लागू हुई लेकिन, किस विषय में
कितने अंक बांटे गए इस पर बोलने को कोई तैयार नहीं हुआ। 1इसी बीच सोशल
मीडिया पर मूल्यांकन केंद्र से उत्तर पुस्तिकाओं के साथ बोर्ड को भेजे जाने
वाले गोपनीय एवार्ड ब्लैंक ओएमआर शीट अपलोड हुए। इसमें इकाई में अंक पाने
वाले रिजल्ट में वह उम्दा अंकों से उत्तीर्ण थे। इसे ‘दैनिक जागरण’ ने
उजागर किया। यह रिकॉर्ड देखकर बोर्ड के अफसर भी सन्न रह गए। उसी समय इसकी
जांच शुरू हुई।
असल में हर केंद्र को भेजी गई गोपनीय ओएमआर शीट नंबर से संबंधित मूल्यांकन
केंद्र का पता चला, फिर वह किस शिक्षक को दी गई थी। यह सामने आया। बोर्ड ने
मूल्यांकन करने वाले पटेल इंटर कालेज धवरा बरेली के सहायक अध्यापक अनिल
कुमार सागर व एसएसएसएसजी इंटर कालेज छिरिया सलेमपुर, जालौन के सहायक
अध्यापक नवसाद आलम को नोटिस देकर उनका पक्ष जाना। दोनों शिक्षकों ने ओएमआर
लीक करने से लिखित रूप से इन्कार किया, तब मूल्यांकन केंद्र के सीसीटीवी
कैमरे का रिकॉर्ड निकाला गया और वहां के प्रभारी का बयान लिया गया। 1पूरे
मामले की जांच कराकर प्रकरण परीक्षा समिति के रखा गया। समिति ने मामले की
गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपित सहायक अध्यापकों का पक्ष सुनने के बाद
कार्रवाई के लिए निदेशक माध्यमिक शिक्षा साहब सिंह निरंजन के पास पत्रवली
भेजी। निदेशक ने परीक्षा समिति के अनुमोदन की संस्तुति कर दी। बोर्ड सचिव
नीना श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों शिक्षकों को आजीवन मूल्यांकन कार्य से
प्रतिबंधित किया गया है।
