बलरामपुर : जिले के परिषदीय स्कूलों में बेसिक शिक्षा के तहत कार्यरत
564 शिक्षामित्रों का दस माह के बकाया मानदेय का भुगतान शीघ्र मिलने की
उम्मीद बढ़ गई है। मानदेय का भुगतान न होने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे
शिक्षामित्र कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग ने
शिक्षामित्रों के अगस्त 2017 से फरवरी 2018 तक बकाया मानदेय के भुगतान के
लिए बेसिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर चार करोड़ रुपये के बजट की मांग की
है। मानदेय भुगतान के लिए कवायद शुरू होने से निराश शिक्षामित्रों में
उम्मीद की किरण जगी है।
जिले के 1575 प्राथमिक स्कूलों में कुल 1933 शिक्षामित्र कार्यरत हैं।
इनमें बेसिक शिक्षा योजना के तहत समायोजित व असमायोजित मिलाकर 564
शिक्षामित्रों के मानदेय का भुगतान अगस्त 2017 से नहीं मिल सका है। मानदेय न
मिलने के कारण आर्थिक तंगी के शिकार शिक्षामित्रों के सामने परिवार के
भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। शिक्षामित्र दस माह से बिना मानदेय
के ही स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। एक विभागीय अफसर की मानें तो
खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए बिल के आधार पर इन शिक्षामित्रों
के मानदेय भुगतान के लिए पूर्व में भी बजट की मांग की गई थी, लेकिन कतिपय
कारणों से धनराशि आवंटित नहीं हुई। जिसके चलते मानदेय का नियमित भुगतान
नहीं हो सका। प्राथमिक शिक्षा की रीढ़ कहे जाने वाले शिक्षामित्रों की
समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक बार फिर
बेसिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर फरवरी तक के बकाया मानदेय भुगतान के लिए
चार करोड़ रुपये के बजट की मांग की है। शिक्षामित्रों के मानदेय का भुगतान
अगस्त 2017 से नहीं हो सका है। 564 शिक्षामित्रों के फरवरी तक के मानदेय
भुगतान के लिए शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर चार करोड़ रुपये के बजट की मांग
की गई है। बजट मिलते ही मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।
हरिहर प्रसाद, बीएसए