इलाहाबाद : पीसीएस जैसी अहम परीक्षाओं में रिकार्ड रखने के प्रति भी
संजीदा नहीं है।
आयोग में उत्तर पुस्तिकाओं और परिणाम समेत अन्य प्रक्रिया
के रिकार्ड तो हैं लेकिन, प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों को खुद रद करने
और संशोधित उत्तर कुंजी में कितने उत्तर बदले गए इसके आकड़े आयोग के पास
नहीं है। जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में
आयोग ने ही अपनी कमी उजागर कर दी है।1प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के
मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की ओर से चार अप्रैल 2018 को आयोग से जनसूचना
अधिकार अधिनियम के तहत कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी। इसमें पीसीएस
2015 की प्रारंभिक परीक्षा की संशोधित उत्तरकुंजी जारी करने में प्रश्नों
को रद करने, उत्तर बदलने और एक ही प्रश्न के दो-दो उत्तर रखने का आकड़ा
मांगा।
इसके अलावा पीसीएस 2016 की प्रारंभिक परीक्षा और सत्र 2017 की प्रारंभिक
परीक्षा में भी प्रश्नों को खुद से रद करने तथा उत्तरों में बदलाव के संबंध
में जानकारी मांगी गई। इस पर आयोग के अनुसचिव / जनसूचना अधिकारी सतीश
चंद्र मिश्र की ओर से मिले जवाब में कहा गया है कि यह आकड़े अभी तैयार नहीं
किए गए हैं।
