मथुरा में शिक्षक भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की जांच दूसरे जिलों तक
पहुंचने से पहले ही ठिठक गई। प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)
ने मथुरा के घोटाले का खुलासा करने के बाद अपने पांव पीछे खींच लिए। मथुरा
प्रकरण की जांच अब मथुरा पुलिस ही कर रही है।
फर्जीवाड़े में 16 लोगों को
गिरफ्तार किया था। इसमें मथुरा के बीएसए कार्यालय का क्लर्क, दो कम्प्यूटर
आपरेटर व फर्जी भर्ती कराने वाले दलाल शिक्षक शामिल थे। जांच के दायरे में
जिले के तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह तक आए। इस खुलासे से प्राथमिक
शिक्षक विभाग में इतना हड़कंप मचा कि कई और जिलों में भी ऐसी फर्जी भर्तियां
होने की बात सामने आने लगी। ऐसी सूचनाएं मिलने की बात भी सामने आई थी कि
अलीगढ़, फिरोजाबाद व गोण्डा में भी मथुरा की तरह ही फर्जी भर्तियां हुई हैं।
इस आधार पर यह संभावना जताई जा रही थी कि एसटीएफ अन्य जिलों की ओर भी रुख
करेगी लेकिन मथुरा प्रकरण की जांच में हासिल तथ्य मथुरा पुलिस को सौंपने के
बाद एसटीएफ इस प्रकरण से अलग हो गई।
