राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) की अपर निजी सचिव
यानी एपीएस 2010 भर्ती की सीबीआइ जांच का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इसकी जांच करने के प्रस्ताव को
मंजूरी दे दी। 1मुख्यमंत्री कार्यालय से फाइल भी मुख्य सचिव को भेज दी गई
है।
भर्ती की जांच के लिए सीबीआइ ने ही 19 जून को मुख्य सचिव को पत्र भेजा
था, क्योंकि भर्ती का रिजल्ट अक्टूबर 2017 में आया और सीबीआइ को मार्च 2017
तक ही जांच करने का आदेश था।
सीबीआइ, यूपी पीएससी की सपा शासनकाल में हुई पांच साल की भर्तियों की जांच
कर रही है। अन्य भर्तियां खंगालते समय सीबीआइ को अपर निजी सचिव चयन 2010 के
पीड़ित अभ्यर्थियों ने अहम साक्ष्य मुहैया कराए। सीबीआइ के हाथ लगे
दस्तावेजों में यह साफ है कि अपनों को नियुक्ति दिलाने में बड़े अफसरों ने
एक्ट तक में संशोधन कर डाला। सपा शासन के अहम अफसरों ने चहेतों की खातिर
भर्ती में खूब मनमानी की।
