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संवरा विद्यालय में 204 बच्चों पर महज एक शिक्षक की तैनाती

जासं, बभनी (सोनभद्र) : ब्लाक स्थित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के अभाव में शिक्षण कार्य दम तोड़ रहा है। यही कारण है कि अभिभावक भी अपने बच्चों को अच्छी तालीम देने के लिए निजी विद्यालयों का सहारा ले रहे हैं।


विकास खंड के ग्राम पंचायत संवरा में 204 बच्चों का नामांकन है जिसमें महज एक उर्दू शिक्षक सहित दो शिक्षामित्र की तैनाती है। ग्रामीणों का कहना है कि अध्यापक एमडीएम व अन्य कार्यालय के कार्य में ही व्यस्त रहते हैं। बच्चे भी पढ़ने के बजाय दूसरे काम करते रहते है। ग्रामीण दिवाकर दुबे, राजेश, बृजेश ने बताया कि सरकार चाहे विद्यालय में कितनी भी व्यवस्था क्यों न करा दें लेकिन छात्रों के अनुपात में अध्यापकों की तैनाती नहीं होगी, तब तक शिक्षा में सुधार नहीं हो सकता। बड़ी संख्या में बच्चे विद्यालय आ रहे हैं और नामांकन करा रहे हैं लेकिन, अध्यापकों की भारी कमी से कोई भी अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य खराब नहीं करना चाहता। यही हाल लगभग ब्लाक में स्थित अन्य विद्यालयों की भी है। वजह पर गौर करें तो ज्यादातर शिक्षक नगरों, ब्लाक मुख्यालयों में शिक्षण कार्य करना चाहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती होती है तो कम समय में ही अपना स्थानांतरण दूसरी जगह करा लेते हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए विद्यालय में छात्रों के अनुरूप अध्यापकों की तैनाती की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा है कि विद्यालय में बच्चों के अनुपात में शिक्षकों मौजूदगी नहीं होने से कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो ही रहा है वहीं निजी स्कूलों से इससे लाभ भी हो रहा है।

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