नई दिल्ली : लोकसभा ने मॉनसून सत्र के पहले दिन बुधवार को नि:शुल्क और
अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2017 को ध्वनिमत से
मंजूरी दे दी।
इसमें 8वीं क्लास तक फेल नहीं करने की नीति में संशोधन करने
की बात कही गई है। हालांकि, बच्चों को क्लास में रोकने या नहीं रोकने का
अधिकार राज्यों को दिया गया है। इस संशोधित विधेयक में 5वीं और 8वीं क्लास
के स्तर पर परीक्षा लेने की बात कही गई है। हालांकि, जिन राज्यों को ऐसा
करना है, वे करेंगे और जिनको बदलाव नहीं करना है, वे नहीं करेंगे। नए
संशोधन के तहत 5वीं और 8वीं क्लास की मार्च में होने वाली पहली परीक्षा में
फेल होने वाले स्टूडेंट्स को मई में दूसरी बार परीक्षा देने का मौका
मिलेगा। दूसरी बार भी फेल होने पर ही बच्चे को उसी क्लास में रोका जा सकेगा
और किसी भी स्टूडेंट को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा।
