सुलतानपुर: जेडी की मिली भगत से बीएसए
कौस्तुभ कुमार सिंह ने अपनी सगी बहन की नियुक्ति कर डाली। नियमों और कायदों
को धता बताते हुए वित्त एवं लेखाधिकारी से मिलकर वेतन भी निर्गत कर दिया।
नियुक्ति संबंधी पत्रावली अभी तक गोपनीय है। इतना ही नहीं अपने पद का
दुरुपयोग करते हुए सबसे करीबी मित्र को भी बिना आवेदन के ही प्रधानाचार्य
पद पर नियुक्ति करा दी।
बेसिक शिक्षा नियमावली में स्पष्ट
रूप से उल्लेख है कि 13 तरह के रिश्ते रक्त संबंधी माने जाएंगे, जिनमें भाई
और बहन भी शामिल हैं। आरोप है कि नियम के बावजूद नवम्बर 2016 में
सुलतानपुर का चार्ज लेने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी कौस्तुभ कुमार सिंह
की पहली नजर अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों में नियुक्तियों पर रही।
मोतिगरपुर में जूनियर हाईस्कूल चैहानपुर में बीएसए ने तत्कालीन प्रबंधक
राकेश सिंह से अपनी बहन ममता सिंह निवासी बडकागौरा, आजमगढ़ की नियुक्ति का
दबाव डाला।
तो भंग करवा दी कार्यकारिणी
नियुक्ति मना करने पर बीएसए ने चयनित
प्रबंधक कार्यकारिणी को भंग करवा दिया और संयुक्त शिक्षा निदेशक फैजाबाद
ओमप्रकाश द्विवेदी से मिलकर तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी जयसिंहपुर पंकज
यादव को कन्ट्रोलर नियुक्त कर दिया। 31 मार्च 2017 को इस स्कूल में
प्रधानाचार्य अशोक सिंह रिटायर्ड हो गए तो एक हफ्ते के अन्दर ही विज्ञापन व
नियुक्ति का सारा कोरम पूरा कर वित्त एवं लेखाधिकारी शैलेन्द्र सिंह की
मिली भगत से खाते का एकल संचालन करवा दिया और वेतन निर्गत कर दिया।
निलम्बित प्रबंधक राकेश सिंह ने शिकायत उच्चाधिकारियों से की, लेकिन नतीजा
सिफर रहा।