बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों के जितने शिक्षकों का 13 जून को
अंतर जिला तबादला किया, उसके आधे शिक्षकों ने दावा किया है कि वे
स्थानांतरण के लिए अर्ह हैं लेकिन, उनकी अनदेखी की गई। बेसिक शिक्षा परिषद
की ई-मेल और वाट्सएप पर शुक्रवार तक मिली पांच हजार से अधिक शिक्षकों की
आपत्तियों ने अंतर जिला तबादलों की पोल खोल दी हैं।
अब विभाग सभी आपत्तियों
को खंगालने में जुटा है, माना जा रहा है कि इसी माह स्थानांतरण की दूसरी
सूची जारी की जाएगी।1परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के
शिक्षकों का अंतर जिला तबादला करने का आदेश शासनादेश जारी होने के एक वर्ष
बाद आया। इसमें 11963 शिक्षकों को दूसरे जिले में भेजने का निर्देश हुआ।
कुल आवेदन में से एक तिहाई शिक्षकों को ही लाभ मिलने की सूचना से सब खफा
थे। 14 जून को वेबसाइट खुलते ही हंगामा मचा। तबादले में दिव्यांग, महिला व
लंबे समय से जिलों में नियुक्त शिक्षकों का तबादला होना था लेकिन, उनकी जगह
कम गुणवत्ता वालों को मनचाही तैनाती मिली। जिनका पिछले वर्षो में
स्थानांतरण हुआ वह भी तबादला कराने में सफल रहे। यही नहीं, कुछ चहेतों को
ग्रामीण से नियम विरुद्ध शहरी क्षेत्र में तैनाती मिली। जिला मुख्यालयों से
लेकर बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय व शासन तक शिक्षकों ने इस पर कड़ी
नाराजगी जताई। गुस्सा बढ़ने पर विभाग के अफसरों ने एनआइसी को जिम्मेदार
बताया और एनआइसी ने मिनिमम कटऑफ अंक घोषित करके परिषद के ई-मेल व वाट्सएप
पर दो से छह जुलाई तक आपत्तियां मांगी।
परिषद की मानें तो ई-मेल पर करीब पांच हजार शिक्षकों ने आपत्तियां दी हैं,
वहीं वाट्सएप पर भी डेढ़ हजार ने शिकायतें भेजी हैं। उनका कहना है कि
गुणवत्ता अंक अच्छे होने के बाद भी तबादला नहीं किया गया। कुछ ऐसे जिले रहे
जहां न तो शिक्षकों की कमी थी और न ही अति पिछड़ा घोषित थे, फिर भी वहां
का मिनिमम कटऑफ जारी नहीं हुआ, जबकि कई शिक्षक दूसरे जिलों से वहां पहुंचे
हैं। परिषद के अफसर अब एक-एक आपत्ति का परीक्षण करने में जुटे हैं। सारे
प्रकरण जांचने के बाद शासन को रिपोर्ट दी जाएगी कि इसमें कितने अंतर जिला
तबादले के अर्ह हैं। माना जा रहा है कि इसी माह तबादले की दूसरी सूची जारी
करके पीड़ित शिक्षकों को मरहम लगाया जाएगा।
