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योगी सरकार द्वारा दिए गए नए शासनादेश में शिक्षामित्रों को मिलेगी यह सुविधा

उन्नाव. आज शिक्षामित्रों के लिए जो मूल विद्यालय के लिए शासनादेश हुआ है। वह बहुत ज्यादा स्पष्ट नहीं है। लगभग सारे शिक्षामित्रों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि वह किस विद्यालय को चुने। इसके साथ ही यदि वह अपना समायोजित विद्यालय नहीं छोड़ना चाहता है तो उसको फार्म क्यों भरना पड़ रहा है।
विवाहित महिला शिक्षामित्र कौन सा विद्यालय चुने। ऐसे में जबकि उसकी ससुराल गैर जनपद हो। इस तरह की कई तकनीकी खामियों को लेकर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने आज बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को उनके सामने रखा। संघ के जिला अध्यक्ष ने सवालिया लहजे में कहा कि यदि किसी विद्यालय में 2 शिक्षामित्र पहले से ही मौजूद हैं तो वहां पर मूल से आने वाले शिक्षामित्र कि क्या स्थितियां होंगी। जैसी बहुत सारी चीजें जिला स्तर से स्पष्ट नहीं हो पा रहा हैं। जिससे शिक्षामित्र परेशान है। बेसिक शिक्षा अधिकारी को यह सारी चीजें स्पष्ट करने के बाद ही फार्म भरवाना चाहिए। जिलाध्यक्ष का कहना है कि इसके बाद भी बीआरसी व एनपीआरसी स्तर पर ऐसी स्थिति के बाद भी अधिकारीगण दबाव बना रहे हैं कि तुरंत फार्म भरिए।

शिक्षामित्रों को नहीं हो पा रही पूरी जानकारी
जिला अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षामित्रों के पास इस बात की जानकारी नहीं है की ऑप्शन में किस विद्यालय का चुनाव करें। मूल विद्यालय में जगह खाली है कि नहीं है कि जानकारी इच्छुक शिक्षामित्रों को नहीं हो पा रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस बात को स्पष्ट करना चाहिए कि किन-किन विद्यालयों में शिक्षामित्रों की जगह खाली है। इसकी एक सूची बीएसए ऑफिस में चस्पा की जाए। तकनीकी रूप में कई खामियां सामने आ रही हैं।
तकनीकी प्रश्न उमड़ रहे हैं शिक्षामित्रों के मन मस्तिष्क में
शिक्षामित्रों का मानना है कि यदि विद्यालय में छात्रों के सापेक्ष अध्यापक पहले से ही उपस्थित हैं तो समायोजित शिक्षामित्र को वहां पर किस पद पर रखा जाएगा। यदि वहां नहीं रखा जाएगा तो उसको कहां पर रखा जाएगा। यह स्थितियां शिक्षामित्र के सामने स्पष्ट नहीं है। कुछ महिलाओं की शादी दूसरे जनपद में हो गई है और उनका ससुराल भी मूल जनपद में नहीं है। उनके लिए क्या स्थितियां हैं। गैर जनपद मैं ससुराल होने पर शिक्षामित्रों को क्या सुविधा मिल रही है। इस विषय में भी जानकारी देने वाला कोई अधिकारी सामने नहीं आ रहा है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि जो समायोजित शिक्षक अपना स्थानांतरण नहीं। उनसे फार्म क्यों भरवाया जा रहा है या अभी शिक्षा मित्रों के लिए एक प्रश्न का विषय है और वह को की स्थिति बनी हुई है

बीएसए ने कहा फार्म भरे बाकी उनके ऊपर छोड़ दें

जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने बताया कि इस संबंध में बातचीत करने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि दो या दो से अधिक शिक्षामित्र होते हैं तो यह मेरी समस्या है। हम शिक्षको को हटा कर शिक्षामित्र को ही रखेंगे। समायोजित विद्यालय में रहने वालों को भी फार्म भरना अनिर्वाय है। विवाहित महिला शिक्षामित्रों के लिए जब तक निवास न बन जाय विकल्प के रूप में हलफनामा दे सकती है। उन्होंने कहा कि गैर जनपद में विवाहित महिलाओं का कोई विकल्प नही है। मूल या समायोजित विद्यालय ही ले सकती है। जो लोग आज फार्म किसी कारण जमा नही कर पाए है। वे लोग कल बीआरसी पर जमा कर दे। बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिलने वालों में संगठन के पदाधिकारी स्नेह कुमार सिंह, गंगा बक्श सिंह , ज्ञान दीक्षित, भानू सिंह, गीता शुक्ला आदि शामिल है

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