लखनऊ : राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में भत्ताें को मंजूरी देने के बाद
कर्मचारियों में जहां खुशी की लहर है, वहीं कुछ कमी रह जाने की कसक भी है।
सातवें वेतनमान में दो साल बाद भत्ताें की शुरुआत होने पर कर्मचारियों ने
शासन के प्रति आभार जताया है।
साथ ही बाकी रह गई मांगों पर जल्द निर्णय लिए
जाने की अपेक्षा भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जताई है।1राज्य
कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा कि शासन ने भत्तों की प्रथम किस्त के तौर पर
मकान किराया भत्ता व नगर प्रतिकर भत्ता की शुरुआत तो की है, लेकिन राज्य
सरकार से परिषद की सहमति केंद्र के समान महंगाई भत्ते को लिंक किए जाने पर
बनी थी। परिषद अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि इस सहमति के विपरीत
सरकार ने मकान किराया भत्ता को छठी वेतन समिति के स्लैब के आधार पर दोगुना
कर दिया है।
इसी तरह परिषद ने 14 जुलाई 12014 को एनेक्सी का घेराव कर मकान किराया भत्ता
को 20 फीसद बढ़वाया था, लेकिन मौजूदा वेतन समिति ने इसका कोई संज्ञान ही
नहीं लिया। परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने भी केंद्र की तरह
प्रदेश में भत्तों को महंगाई भत्ते से लिंक न किए जाने पर निराशा जताई है।
परिषद ने राज्य सरकार से सभी तरह के भत्ताें की रिपोर्ट तुरंत जारी करने की
मांग की है।
