इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर जिले में महिला सहायक
अध्यापिकाओं के तबादले पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि याचियों की तबादले की अर्जी पर आदेश हो चुका
हो तो उन्हें सूचित किया जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने नीतू व
11 अन्य सहारनपुर की अध्यापिकाओं की याचिका पर दिया है। याचियों का कहना
है कि विभा सिंह कुशवाहा केस में दिए गए कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया
गया है। याचीगण 2015 से अध्यापक है। नियमावली के तहत उन्हें तबादला मांगने
का अधिकार है। सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि शीघ्र ही तबादला सूची जारी
कर दी जाएगी। इस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
दूसरी सूची के लिए हाईकोर्ट पर टिकीं निगाहें : परिषदीय स्कूलों के दर्जनों
शिक्षकों ने अंतर जिला तबादलों के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
शिक्षकों का कहना है कि उनका कटऑफ अंक अधिक है, फिर भी उनका स्थानांतरण
नहीं किया गया है, बल्कि कम कटऑफ वालों को दूसरे जिलों में भेजा गया है।
ऐसे ही दिव्यांग शिक्षकों ने भी कोर्ट में अर्जी दायर करके कहा है कि
शासनादेश में उन्हें वरीयता देने का निर्देश था लेकिन, उसका अनुपालन नहीं
हुआ। बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐन वक्त पर आठ अति पिछड़ा जिलों से कोई तबादला
नहीं किया है, जबकि आवेदन मांगने के समय और आदेश जारी करने से पहले इस
संबंध में कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। एकाएक नियम बदलना कहां तक जायज
है। यदि तबादला करना नहीं था तो उन जिलों के लिए आवेदन ही क्यों मांगे गए।
मुख्य याचिका विभा सिंह कुशवाहा ने की है।
