जागरण संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री से भर्ती
हुए शिक्षकों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में लेटलतीफी
पर निदेशक खफा हैं।
उन्होंने पूछा है कि अब तक फर्जी डिग्री धारक शिक्षकों
पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसके साथ ही अलग-अलग बिंदुओं पर कार्रवाई की
रिपोर्ट भी तलब की है।
एसआइटी ने डॉ.बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी की अंकतालिकाओं की जांच की थी।
इसके बाद एसआइटी ने पांच हजार फर्जी अंकतालिकाओं से परिषदीय स्कूलों में
नौकरी पाने वालों की जानकारी बेसिक शिक्षा विभाग को सीडी में दी थी। इस
सीडी में दिए गये नामों के आधार पर जांच करके विभाग को कार्रवाई करनी थी।
बेसिक शिक्षा विभाग में सीडी के आधार पर फर्जी डिग्री धारकों को चिह्नित
किया। यहां पर 243 शिक्षक चिन्हित किए गए, जबकि एसआइटी की रिपोर्ट में
फर्जी डिग्री धारक शिक्षकों की संख्या 543 थी। इसके बाद कार्रवाई आगे नहीं
बढ़ी। इन शिक्षकों को बर्खास्त करना तो दूर, एक के खिलाफ भी निलंबन तक की
कार्रवाई नहीं हुई। विभागीय अफसरों और बाबुओं ने मामले को ठंडे बस्ते में
डाल दिया। सूत्रों ने बताया कि अन्य जनपदों में विभागीय अफसरों ने फर्जी
शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई कर दी है। लेकिन यहां अफसर कार्रवाई से
परहेज कर रहे हैं। इसे लेकर विभाग के शीर्ष अधिकारी खफा हो गए हैं। निदेशक
ने अब विभाग से पूछा है कि इतने दिन बाद भी चिह्नित किए गए फर्जी डिग्री
धारक शिक्षकों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यह भी पूछा गया है कि कितने
शिक्षक निलंबित किए, कितने शिक्षकों का वेतन रोका, कितने शिक्षकों के खिलाफ
एफआइआर कराई? निदेशक ने इस मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।