डीएलएड (पूर्व बीटीसी) निजी संस्थानों की प्रदेश में बाढ़ आ गई है, उसी
के सापेक्ष उन संस्थानों में अनियमितताएं बढ़ने की शिकायतें हैं। कालेजों
में तैनात स्टाफ निरीक्षण के समय कई डायट प्राचार्यो को मौके पर नहीं मिला
है। ऐसे में अब इन संस्थानों में प्रभावी शिकंजा कसने की तैयारी है।
अब सभी
कालेजों से संकाय सदस्यों का पूरा विवरण मांगा गया है। इसके बाद कालेजों
का अभियान के रूप में निरीक्षण होगा। 1प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थान यानी डायट व निजी कालेजों में डीएलएड का दो वर्षीय पाठ्यक्रम चल
रहा है। डायट की संख्या ज्यों की त्यों है, लेकिन निजी कालेजों की संख्या
हर साल बढ़ती जा रही है। 1इस समय 3419 कालेज सभी जिलों में संचालित हैं,
तभी सीटों की संख्या दो लाख 30 हजार से भी अधिक हो गई है। पिछले दिनों हुई
समीक्षा बैठक में बताया गया कि तमाम कालेजों में प्रशिक्षुओं से अवैध धन
वसूला जा रहा है। ऐसे में प्रशिक्षणार्थी कालेज से गायब रहते हैं, शिकायत
यहां तक है कि हर कार्य के लिए कालेजों ने अवैध रकम तय रखी है, जो अभ्यर्थी
पढ़ना चाहते हैं उन पर भी धन देने का दबाव बनाया जा रहा है। इस पर राज्य
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एससीईआरटी के निदेशक संजय
सिन्हा ने निर्देश दिया है कि डायट प्राचार्य इस पर प्रभावी अंकुश लगाएं।
इस तरह की शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए, कालेजों में पढ़ाई कराने
के लिए कड़े निर्देश दिए जाएं। निदेशक ने यह भी कहा है कि डायट प्राचार्य
हर कालेज के संकाय सदस्यों का पूरा विवरण मसलन आधार नंबर व बैंक डिटेल आदि
एससीईआरटी को 31 जुलाई तक उपलब्ध कराएं। 1यह भी निर्देश दिया गया है कि
संस्थानों की गतिविधि शुरू होते ही राज्य स्तर पर अधिकारियों की टीम भेजकर
निरीक्षण कराया जाएगा कि कालेजों में पढ़ाई हो रही है या नहीं और वहां
प्रशिक्षणार्थी आ रहे हैं या नहीं। आदेशों का अनुपालन न होने पर कठोर
कार्रवाई होगी। ऐसे ही डायट में भी सभी अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी समय से
पहुंचे।
