संवाद सूत्र, खंदौली: थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा हाजीपुर में आर्थिक संकट
से जूझ रहा शिक्षामित्र रविवार की सुबह न देख सका। चार माह से मानदेय न
मिलने पर सदमे के चलते उसकी मौत हो गई। रविवार सुबह गुस्साए ग्रामीणों और
शिक्षामित्रों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की और शव को दफनाने से मना कर
दिया। एसडीएम और खंड शिक्षाधिकारी के आश्वासन के बाद परिजनों ने मृतक के शव
को दफनाया। खंदौली क्षेत्र के गांव खेड़ा हाजीपुर निवासी निजामुददीन
कागारौल के पास स्थित गांव सोनिगा स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र
था। उसे चार माह से मानदेय नहीं मिला था। अधिकारियों से ठोस जवाब न मिलने
पर वह तनाव में रहने लगा था। परिवार में कलह होने लगी। ग्रामीणों ने बताया
कि शनिवार की शाम निजामुददीन खाना खाकर गली में परेशान घूम रहा था। पूछने
पर बताया कि चार माह से मानदेय नहीं मिला है। वहीं उधार देने वाले पैसे
मांग रहे हैं। निजामुद्दीन की प}ी गुड्डी देवी ने बताया कि वह पैसे को लेकर
परेशान थे। रात को सोये लेकिन सुबह नहीं उठे। सूचना पाकर बड़ी संख्या में
ग्रामीण व क्षेत्रीय शिक्षामित्र निजामुददीन के घर पहुंच गए। ग्रामीणों ने
कहा जब तक आधिकारी मुआवजा राशि की घोषणा नहीं करेंगे, वे शव को नहीं
दफनाएंगे। अधिकारियों के मौके पर न आने की पर यमुना एक्सप्रेस वे जाम करने
का फैसला लिया। यह जानकारी मिलते ही थाना पुलिस गांव पहुंच गई। सूचना पर
सांसद प्रतिनिधि टीकम सिंह व मुकेश गुप्ता गांव पहुंचे। पांच घंटे बाद गांव
में बीईओ नगर नीलम सिंह व एसडीएम अभिषेक सिंह भी पहुंच गए। एसडीएम ने
मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद दिलाने,) को कस्तूरबा गांधी आवासीय
विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद शव
को दफनाया गया।
विभाग की कमी से परीक्षा में शामिल नहीं हो सका था: निजामुददीन टीईटी पास था। उसके प्रमाण पत्र विभाग के पास थे, विभाग ने उसके प्रमाण पत्र नहीं दिए, इसलिए वह शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सका था।
विभाग की कमी से परीक्षा में शामिल नहीं हो सका था: निजामुददीन टीईटी पास था। उसके प्रमाण पत्र विभाग के पास थे, विभाग ने उसके प्रमाण पत्र नहीं दिए, इसलिए वह शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सका था।
