ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में खत्म होगी शिक्षकों की कमी, केंद्र ने राज्यों को सुझाया फार्मूला
आने वाले दिनों में ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्र के स्कूलों से शिक्षकों की कमी खत्म हो जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती को
लेकर केंद्र के सुझाव पर यदि राज्यों ने अमल किया, तो आने वाले दिनों में
ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्र के स्कूलों से शिक्षकों की कमी खत्म हो जाएगी।
स्कूली शिक्षा को मजबूती देने में जुटी केंद्र सरकार ने सभी स्कूलों में
शिक्षकों की तैनाती समान अनुपात में करने को कहा है। मौजूदा समय में
ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है।
ज्यादातर स्कूल संविदा या एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे है।
सरकार ने इसे लेकर यह पहल उस समय की है, जब उसके पास स्कूलों
में शिक्षकों की कमी को लेकर शिकायतें लगातार मिल रही है। इनमें से
ज्यादातर शिकायतें जनप्रतिनिधि की ओर से आ रही है। ऐसे में सरकार ने समग्र
शिक्षा योजना के तहत राज्यों को यह सुझाव दिया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शिक्षकों की कोई कमी नहीं है।
तय मानक से अभी भी शिक्षक ज्यादा है। खामी इनकी तैनाती को लेकर है। सभी की
अपने घर के आसपास और शहरी क्षेत्रों में तैनाती को लेकर रुचि रखना है। ऐसे
में शहरी क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में शिक्षकों की संख्या औसत से करीब
दोगुनी है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या औसत के काफी कम है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक आरटीई अधिनियम 2009 के
मुताबिक प्राथमिक स्कूलों में छात्र और शिक्षक के बीच अनुपात 30 और एक का
होना चाहिए। यानि तीस छात्रों पर एक शिक्षक होने चाहिए, जबकि वर्ष 2015-16
की रिपोर्ट के तहत प्राथमिक स्कूलों में छात्र और शिक्षक का जो अनुपात है,
वह 23 और एक का है। ऐसे में साफ है कि शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। मौजूदा
समय में देश के लगभग सभी राज्यों के ग्रामीण और दूर-दराज के स्कूलों में
शिक्षकों की संख्या काफी कम है।