बेसिक
शिक्षा विभाग ने आठ जिलों में शिक्षक भर्ती की जांच शुरू की है। इसमें अवध
क्षेत्र का जिला गोंडा भी शामिल है। जांच रिपोर्ट आने के बाद एक दर्जन से
अधिक बेसिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों सहित कई
कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।
मथुरा में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डेढ़ सौ से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती में घोटाला खुलने के बाद विभाग के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने जांच की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के अन्य जिलों में भी शिक्षक भर्ती घोटाले की आशंका जताते हुए जांच की संस्तुति की थी।
मगर, शासन स्तर पर कई दिनों तक उनकी जांच रिपोर्ट को दबाए रखा गया। मथुरा के बाद विधायक मनीष असीजा ने फिरोजाबाद में शिक्षक भर्ती घोटाले की शिकायत की। विधानसभा की आश्वासन समिति में मामला उठने के बाद शासन ने जांच के निर्देश दिए। फिरोजाबाद में सहायक अध्यापक भर्ती घोटाले की जांच गौतमबुद्ध नगर के बीएसए को सौंपी गई है। बीएसए ने गत दिनों फिरोजाबाद पहुंचकर कई रिकॉर्ड जब्त किए हैं।
निदेशक की जांच रिपोर्ट के आधार पर नए प्रमुख सचिव प्रभात कुमार ने अन्य जिलों में भी जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद फिरोजाबाद सहित हरदोई, हाथरस, अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद, फतेहपुर और गोंडा जिले में भी अध्यापक भर्ती की जांच शुरू हुई है।
अपात्र अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त करने की मिली थीं शिकायतें
इन जिलों में 2015-16 के दौरान फर्जी तरीके से अपात्र अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक नियुक्त करने की शिकायतें मिली थीं। अधिकारियों का मानना है कि इन आठ जिलों की जांच रिपोर्ट के बाद एक दर्जन से अधिक बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े से नियुक्त सहायक अध्यापकों को घर बैठना पड़ेगा।
मामले पर बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह का कहना है कि फिरोजाबाद, हरदोई, हाथरस और अलीगढ़ सहित कुछ जिलों में सहायक अध्यापक भर्ती की जांच की जा रही है। गत वर्षों में हुई भर्तियों के दौरान वहां अपात्र लोगों को नियुक्त करने की आशंका है।
मथुरा में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डेढ़ सौ से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती में घोटाला खुलने के बाद विभाग के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने जांच की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के अन्य जिलों में भी शिक्षक भर्ती घोटाले की आशंका जताते हुए जांच की संस्तुति की थी।
मगर, शासन स्तर पर कई दिनों तक उनकी जांच रिपोर्ट को दबाए रखा गया। मथुरा के बाद विधायक मनीष असीजा ने फिरोजाबाद में शिक्षक भर्ती घोटाले की शिकायत की। विधानसभा की आश्वासन समिति में मामला उठने के बाद शासन ने जांच के निर्देश दिए। फिरोजाबाद में सहायक अध्यापक भर्ती घोटाले की जांच गौतमबुद्ध नगर के बीएसए को सौंपी गई है। बीएसए ने गत दिनों फिरोजाबाद पहुंचकर कई रिकॉर्ड जब्त किए हैं।
निदेशक की जांच रिपोर्ट के आधार पर नए प्रमुख सचिव प्रभात कुमार ने अन्य जिलों में भी जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद फिरोजाबाद सहित हरदोई, हाथरस, अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद, फतेहपुर और गोंडा जिले में भी अध्यापक भर्ती की जांच शुरू हुई है।
अपात्र अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त करने की मिली थीं शिकायतें
इन जिलों में 2015-16 के दौरान फर्जी तरीके से अपात्र अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक नियुक्त करने की शिकायतें मिली थीं। अधिकारियों का मानना है कि इन आठ जिलों की जांच रिपोर्ट के बाद एक दर्जन से अधिक बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े से नियुक्त सहायक अध्यापकों को घर बैठना पड़ेगा।
मामले पर बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह का कहना है कि फिरोजाबाद, हरदोई, हाथरस और अलीगढ़ सहित कुछ जिलों में सहायक अध्यापक भर्ती की जांच की जा रही है। गत वर्षों में हुई भर्तियों के दौरान वहां अपात्र लोगों को नियुक्त करने की आशंका है।