इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने प्रवक्ता व
स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी-पीजीटी 2016 के संगीत विषय के तीन पदों का
विज्ञापन दूसरी बार निरस्त किया है। पिछले बोर्ड ने इन पदों का विज्ञापन 16
जून 2017 को ही निरस्त कर दिया था।
खास बात यह है कि संगीत विषय के पद
क्यों और किस आधार पर निरस्त किए इसकी जानकारी भी नहीं दी गई, सिर्फ
वेबसाइट पर पद निरस्त होने की सूचना अपलोड कर दी गई थी। ऐसे में सवाल यह भी
है कि जब पिछले बोर्ड ने संगीत विषय के पद निरस्त किए तो बाकी सात विषयों
के पद आखिर क्यों छोड़ दिए गए थे? 1चयन बोर्ड ने 12 जुलाई को एलान किया कि
बोर्ड ने 2016 टीजीटी-पीजीटी विज्ञापन के आठ विषयों के 321 पदों को निरस्त
कर दिया है। निरस्त हुए सभी विषयों का कारण भी बताया गया कि वे अब माध्यमिक
कालेजों में पढ़ाए नहीं जा रहे हैं। वहीं, पांच विषय ऐसे हैं, जिनका
विज्ञापन पहली बार निकाला गया है और वह भी पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है। इस
निर्णय के बाद से हंगामा मचा है। साथ ही जीव विज्ञान व संगीत विषयों को
लेकर अभ्यर्थी भी नाराज हुए। अब इस मामले में बड़ा राजफाश हुआ है कि पिछले
बोर्ड ने ही 16 जून 2017 को ही वेबसाइट पर विज्ञप्ति निकाल करके संगीत विषय
में टीजीटी के दो व पीजीटी के एक पद का विज्ञापन निरस्त कर दिया था। इस
संबंध में चयन बोर्ड ने किसी को न तो सूचना दी और न ही विज्ञप्ति में पद
निरस्त करने का कारण ही लिखा। हालांकि पद निरस्त होने का कारण हाईस्कूल व
इंटर में सिर्फ संगीत विषय नहीं है, बल्कि संगीत गायन या फिर संगीत वादन ही
पढ़ाया जाता है। अब चयन बोर्ड ने सात विषयों के साथ संगीत विषय के
टीजीटी-पीजीटी के दोबारा पद निरस्त किए हैं। 1सवाल यह है कि उस समय ये ही
पद निरस्त क्यों हुए? अन्य सात विषयों का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया?
वहीं चयन बोर्ड ने भी एक ही विषय के दो बार पद निरस्त क्यों किए? जब पहले
यह हो चुका था तो मात्र सूचना दी जाती। इस संबंध में बोर्ड का कोई अफसर
बोलने को तैयार नहीं हैं, सभी के नंबर स्विच ऑफ हैं।