केंद्र सरकार सभी विश्वविद्यालयों से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया स्थगित करने के लिए आदेश जारी किया है. यह स्थगन प्रस्ताव तब तक के लिए होगा जब तक कि सुप्रीम कोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय (M HRD) द्वारा दायर विशेष छुट्टी याचिका (Special Leave Petitions- SLP) पर अपना फैसला नहीं दे देती है.
दरअसल एचआरडी मिनिस्ट्री ने इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था जिसमें एसएलपी और टीचिंग सेक्टर में आरक्षण के लिए यूजीसी के नए फॉर्मूले हेतु गाइड लाइन जारी करने का अनुरोध किया गया था.
यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी सेंट्रल, स्टेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी जिसे सरकार से वित्तीय अनुदान मिलता है, उन्हें नए आरक्षण फॉर्मूला के सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले को देखते हुए आगे के आदेश तक शिक्षक / प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है.
यूजीसी के संयुक्त सचिव की ओर से जारी आदेशों के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों में आगामी आदेश तक भर्ती पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के लिए 13 अगस्त की तारीख संभावित है, उसके बाद उच्चतम न्यायलय के निर्देश के अनुसार UGC अगला आदेश निर्गत करेगा.
एचआरडी मिनिस्ट्री के इस गाइडलाइन के बाद देश के सभी वित्तीय यूनिवर्सिटी संस्थानों में तत्काल प्रभाव से सभी तरह के टीचिंग सेक्टर के जॉब के लिए भर्ती रोक दी गई है. इस आदेश का असर दिल्ली यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी सहित देश के सभी यूनिवर्सिटी पर पड़ेगा और पिछले कई माह से चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को यूजीसी की ओर से जारी निर्देशों के बाद झटका लगा है.