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पांच साल से ठप अपर निजी सचिव की भर्ती: सीबीआइ जांच के दायरे में 2010 की भर्ती आने के बाद नई भर्तियों को लगा ग्रहण

इलाहाबाद : अपर निजी सचिव (उप्र सचिवालय) पदों पर नई भर्ती को ग्रहण लग गया है। पांच साल से एपीएस पदों पर परीक्षा के लिए रिक्तियां यूपीपीएससी में नहीं आ सकी हैं, जबकि 2013 में विज्ञापित भर्ती की तृतीय चरण की परीक्षा भी स्थगित हो चुकी है।

उप्र सचिवालय में अपर निजी सचिव काफी महत्वपूर्ण पद है। लगभग सभी विभागों के उच्चाधिकारियों के कार्यालय में इनकी तैनाती होती है। यूपीपीएससी ने पिछले साल अपर निजी सचिव भर्ती 2010 के 250 पदों पर परिणाम जारी किया था। परिणाम जारी होते ही यह भर्ती विवादों से घिर गई। इसकी सीबीआइ जांच के लिए मुहिम तेज है लेकिन, अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं हो सका है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि यूपीपीएससी ने भर्ती के सभी रिकॉर्ड पहले से ही सील कर दिए हैं। कहा जा रहा है कि 176 पदों के लिए एपीएस भर्ती 2013 के कंप्यूटर ज्ञान की 29 अगस्त 2018 को प्रस्तावित परीक्षा भी स्थगित होने के पीछे आंतरिक गड़बड़ी में सुधार करना है। बड़ा सवाल यह है कि सचिवालय में महत्वपूर्ण पद होने के बावजूद 2013 के बाद से अब तक इस भर्ती का अधियाचन ही नहीं आ सका। यूपीपीएससी ने एपीएस भर्ती 2018 को पहली छमाही के परीक्षा कैलेंडर में 10 जून को प्रस्तावित किया था, जिसे स्थगित करने के बाद दूसरे छमाही के परीक्षा कैलेंडर में प्रस्तावित ही नहीं किया गया। इससे एपीएस भर्ती को लेकर इसके अभ्यर्थियों में भ्रम की स्थिति है। वहीं, यूपीपीएससी के सचिव जगदीश ने दावा किया है कि एपीएस भर्ती 2018 के लिए अधियाचन प्राप्त हुआ है। जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।

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