लखनऊ : चौदह साल पहले खत्म हो चुकी पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से
लागू करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी और शिक्षक बुधवार से तीन दिन तक
कामकाज से विरत रहेंगे।
इस आंदोलन के लिए संगठनों के संयुक्त मोर्चे के तौर
पर गठित कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच ने कार्य
बहिष्कार में प्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों और 10 लाख शिक्षकों के शामिल
होने का दावा किया है। तीन दिन के कार्य बहिष्कार के दौरान संगठनों ने
राजधानी से लेकर जिलों और तहसील मुख्यालयों तक पर आंदोलन का कार्यक्रम
बनाया है। मंच के संयोजक व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष
हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में अब भी पुरानी पेंशन प्रणाली
लागू है, जबकि केंद्र द्वारा वर्ष 2004 में नई पेंशन व्यवस्था लागू किए
जाने के बाद कई राज्यों ने पिछले वर्षो में ही इसे खत्म किया है। तिवारी के
मुताबिक केंद्र ने राज्य सरकार को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का
अधिकार दे रखा है और केंद्र चाहे तो खुद भी पुरानी प्रणाली लागू कर सकता
है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार से न्यूनतम पेंशन गारंटी का मांग
करते हुए संगठनों ने बीती नौ अगस्त को भी प्रदेश के सभी जिलों में
धरना-प्रदर्शन व रैली करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा था।
इसी क्रम में अब बुधवार से 31 अगस्त तक कार्य बहिष्कार का कार्यक्रम बनाया
गया है। तिवारी ने बताया कि आंदोलन में सभी संवर्ग और सभी विभागों के राज्य
कर्मचारियों के साथ बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षक भी शामिल होंगे। मंच
पदाधिकारियों ने बताया कि तीन दिन के कार्य बहिष्कार के दौरान लखनऊ के 10
विभागों में गेट मीटिंग होगी, जिलों में विकास भवनों व तहसील मुख्यालयों पर
सभाएं आयोजित की जाएंगी।
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