देश में शिक्षा, प्रशिक्षण व पाठ्यक्रम मुहैया कराने वाले शिक्षा विभाग
के दो अहम कार्यालयों को उच्चीकृत करके अलग करने की तैयारी चल रही है, ताकि
शैक्षिक सुधार तेजी से हों, साथ ही एक ही अधिकारी पर दो बड़े कार्यालयों
के संचालन का दबाव भी न रहे।
इसे लेकर सचिव ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण परिषद को विस्तृत प्रस्ताव भेज दिया है। अब इस मामले में निर्देश
आने का है।
सूबे में शैक्षिक गुणवत्ता में निरंतर सुधार के लिए 1872 में रजिस्ट्रार
विभागीय परीक्षाएं उप्र की स्थापना की गई थी, यूपी बोर्ड की स्थापना के
पहले सभी शैक्षिक परीक्षाओं का दायित्व इसी महकमे के पास रहा है। वहीं,
1981 में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उप्र की स्थापना के
बाद इसे प्रशिक्षु शिक्षकों की परीक्षाओं का दायित्व दिया गया है। इन दिनों
इसे परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र के नाम से जाना जाता है।
2004 से दो संस्थान एक छत के नीचे : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय
परिसर में ही राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान उप्र भी संचालित है। 27 फरवरी
2004 के शासनादेश के तहत परीक्षा नियामक सचिव ही विज्ञान संस्थान के निदेशक
का दायित्व भी निभा रहे हैं। विज्ञान संस्थान उच्च प्राथमिक स्कूलों के
बच्चों का पाठ्यक्रम तैयार करता है। वहीं, संस्थान के प्रवक्ता परीक्षा
नियामक कार्यालय के कार्यो में भी सहयोग करते आ रहे हैं।1शिक्षक भर्ती में
गड़बड़ी पर शासन गंभीर : परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती में
गड़बड़ियों पर शासन इस कार्यालय पर खासा गंभीर है। इसीलिए आमूलचूल बदलाव के
लिए प्रस्ताव मांगा गया। लंबे समय से कार्यालय में जमे अधिकारी व
कर्मचारियों को हटाने के साथ ही दोनों कार्यालयों को अलग करने की तैयारी
है।
अपर निदेशक स्तर के होंगे अधिकारी : परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अभी तक
संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर का रहा है। अब सचिव व विज्ञान संस्थान का
निदेशक दोनों को अपर निदेशक स्तर का करने का प्रस्ताव है। इसी तरह से इसके
नीचे के अफसरों को भी अपग्रेड किए जाने का संस्तुति की गई है। परीक्षा
नियामक कार्यालय में 15 पटल बनाने और विज्ञान संस्थान को अलग भवन में
स्थानांतरित करने की भी योजना है।
अब निर्णय का : सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि एससीईआरटी निदेशक को
प्रस्ताव भेज दिया है, वह शासन को इससे अवगत कराएंगे। नए साल में कार्यालय
में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय व राज्य विज्ञान संस्थान उप्र होंगे जुदा
सचिव ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद को भेजा प्रस्ताव
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