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शिक्षक भर्ती में नहीं बदली अर्हता

अशासकीय माध्यमिक कालेजों में प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक बनने के लिए प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी दावेदारी तक नहीं कर पा रहे हैं। जिन अभ्यर्थियों ने दो साल पहले आवेदन किया था, वे भी मनमाने निर्णय से बाहर हो गए हैं। इसीलिए एक माह में गिने-चुने ही आवेदन हो सके हैं।
मंगलवार को आवेदन करने का अंतिम दिन है लेकिन अब तक अर्हता बदलने का शासनादेश तक जारी नहीं हो सका है। 1चयन बोर्ड ने 12 जुलाई को प्रवक्ता के दो व स्नातक शिक्षक के छह विषयों को 2016 के विज्ञापन से निरस्त कर दिया। चयन बोर्ड का दावा है कि यह विषय ही अब माध्यमिक कालेजों में नहीं है। इसमें करीब 70 हजार अभ्यर्थी दावेदारी से बाहर हो गए। बोर्ड ने कहा था कि उनसे दूसरे विषयों में आवेदन लिए जाएंगे और जो आवेदन नहीं कर सकेंगे उनका परीक्षा शुल्क लौटाया जाएगा। अधर में फंसने वाले सबसे अधिक अभ्यर्थी स्नातक शिक्षक जीव विज्ञान के करीब 67 हजार हैं। उनकी अर्हता बदलने का प्रस्ताव भी यूपी बोर्ड सचिव शासन को करीब 15 दिन पहले भेज चुकी हैं लेकिन, अब तक शासन ने बदलाव पर मुहर नहीं लगाई है। पिछले माह शासन की सख्ती पर चयन बोर्ड ने आठ विषयों के अभ्यर्थियों से दूसरे विषयों के लिए आवेदन करने को वेबसाइट शुरू कर दी है। मंगलवार मध्यरात्रि में वेबसाइट बंद हो जाएगी। हजारों अभ्यर्थियों में अब तक गिने-चुने ही दूसरे विषयों में आवेदन कर पाए हैं। बाकी शासनादेश आने की राह देख रहे थे। अब वेबसाइट बंद होने का समय करीब आया तो सभी की धड़कनें तेज हैं। वे चयन बोर्ड को ही कोस रहे हैं, बोले जब पद निरस्त करने के बाद दो माह तक वेबसाइट शुरू नहीं की गई तो अर्हता बदलने का आदेश आने के बाद यह प्रक्रिया शुरू की जा सकती थी लेकिन, बोर्ड अफसरों को प्रतियोगियों की चिंता ही नहीं है। प्रतियोगियों ने शासन से मांग की है कि यूपी बोर्ड के प्रस्ताव का अनुमोदन करने के बाद आवेदन की समय सीमा और बढ़ाई जाए।

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