दिसंबर 2012 में शुरू हुई 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की फीस वापसी के
लिए अभ्यर्थियों की समस्या कम नहीं हो रही है। रविवार को भी अभ्यर्थियों
को दिनभर लाइन में लगा रहना पड़ा।
वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के आला अधिकारियों का कहना है कि आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं है।
रविवार को अवकाश होने के कारण जिलेभर के सभी डाकघर बंद थे। ऐसे में जंक्शन स्थित (रेलवे मेल सर्विस)आरएमएस के काउंटर पर अभ्यर्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा। आरएमएस के एकमात्र काउंटर पर दिनभर अभ्यर्थियों और आरएमएस कर्मियों के बीच तीखी नोंकझोंक होती रही। हालांकि अभ्यर्थियों की समस्या को देखते हुए आरएमएस के कर्मचारी काउंटर की टाइमिंग रोजाना एक से डेढ़ घंटा बढ़ा दे रहे हैं।
एक घंटे में जमा हो रहे हैं तीन से चार अभ्यर्थियों के आवेदन
आरएमएस काउंटर पर एक घंटे में तीन से चार अभ्यर्थियों के ही आवेदन जमा हो पा रहे हैं। एक अभ्यर्थी एक बार में दस आवेदन दे रहा है। दस आवेदनों के लिए कंप्यूटर पर नाम, पता और जिले का नाम लिखने में 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है।
बदलती सरकार के निर्णय में फंसे अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों का कहना है कि 30 नवंबर 2011 को बसपा सरकार में टीईटी मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू हुई थी। पहली बार 13 नवंबर 2011 को आयोजित टीईटी में रुपये लेकर अंक बढ़ाने के आरोप लगने के बाद सपा सरकार ने मुख्य सचिव से जांच कराई और बसपा सरकार के विज्ञापन को रद्द करते हुए 5 दिसंबर 2012 को एकेडमिक मेरिट के आधसार पर नये सिरे से 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने सपा की भर्ती पर रोक लगा दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और सर्वोच्च न्यायलय के आदेश पर बसपा सरकार की शर्तों के अनुसार टीईटी मेरिट पर भर्ती पूरी हुई। यही कारण है कि सपा सरकार में ली गई तकरीबन 290 करोड़ आवेदन फीस अब भाजपा सरकार में वापस हो रही है। कैलाशनाथ, अमित यादव, राजेन्द्र मौर्य, राजीव त्रिपाठी, रमेश, जीतेन्द्र आदि का कहना है कि यदि सरकार को फीस वापस करनी थी तो प्रक्रिया को और सरल बनाना था।
वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के आला अधिकारियों का कहना है कि आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं है।
रविवार को अवकाश होने के कारण जिलेभर के सभी डाकघर बंद थे। ऐसे में जंक्शन स्थित (रेलवे मेल सर्विस)आरएमएस के काउंटर पर अभ्यर्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा। आरएमएस के एकमात्र काउंटर पर दिनभर अभ्यर्थियों और आरएमएस कर्मियों के बीच तीखी नोंकझोंक होती रही। हालांकि अभ्यर्थियों की समस्या को देखते हुए आरएमएस के कर्मचारी काउंटर की टाइमिंग रोजाना एक से डेढ़ घंटा बढ़ा दे रहे हैं।
एक घंटे में जमा हो रहे हैं तीन से चार अभ्यर्थियों के आवेदन
आरएमएस काउंटर पर एक घंटे में तीन से चार अभ्यर्थियों के ही आवेदन जमा हो पा रहे हैं। एक अभ्यर्थी एक बार में दस आवेदन दे रहा है। दस आवेदनों के लिए कंप्यूटर पर नाम, पता और जिले का नाम लिखने में 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है।
बदलती सरकार के निर्णय में फंसे अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों का कहना है कि 30 नवंबर 2011 को बसपा सरकार में टीईटी मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू हुई थी। पहली बार 13 नवंबर 2011 को आयोजित टीईटी में रुपये लेकर अंक बढ़ाने के आरोप लगने के बाद सपा सरकार ने मुख्य सचिव से जांच कराई और बसपा सरकार के विज्ञापन को रद्द करते हुए 5 दिसंबर 2012 को एकेडमिक मेरिट के आधसार पर नये सिरे से 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने सपा की भर्ती पर रोक लगा दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और सर्वोच्च न्यायलय के आदेश पर बसपा सरकार की शर्तों के अनुसार टीईटी मेरिट पर भर्ती पूरी हुई। यही कारण है कि सपा सरकार में ली गई तकरीबन 290 करोड़ आवेदन फीस अब भाजपा सरकार में वापस हो रही है। कैलाशनाथ, अमित यादव, राजेन्द्र मौर्य, राजीव त्रिपाठी, रमेश, जीतेन्द्र आदि का कहना है कि यदि सरकार को फीस वापस करनी थी तो प्रक्रिया को और सरल बनाना था।
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