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यह कैसी जांच, जालसाजों पर नहीं आंच

 बलरामपुर : जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हथियाने वाले फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराने में जिम्मेदार अफसरों के हाथ कांप रहे हैं।
बीते 25 अक्टूबर को एसटीएफ ने चार
फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी की थी। जिसके बाद विभाग में अफरा-तफरी तो मची, लेकिन फर्जी शिक्षकों की कुंडली नहीं खंगाली जा सकी। सूत्रों की मानें तो प्रकरण एसटीएफ से जुड़ा होने पर बीएसए ने 10800 व 10000 सहायक अध्यापक भर्ती के दौरान जिले में नौकरी पाने वाले 24 फर्जी शिक्षकों के अभिलेख तलब किए थे। बावजूद इसके अब तक इन शिक्षकों पर भी मुकदमा दर्ज नहीं हो सका। वहीं 12460 शिक्षक भर्ती के तहत फर्जी मिले दस शिक्षकों पर भी कोई कार्रवाई न होना विभागीय अफसरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि फर्जी शिक्षकों के अभिलेख तलब किए गए हैं। जल्द ही मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

बीएसए हरिहर प्रसाद ने 10800 व 10000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत जिले में नौकरी पाने वाले 24 फर्जी शिक्षकों की पत्रावलियां तलब की हैं। इनमें अर्चना अग्रहरी, संगीता देवी, संजू शुक्ला, रितु द्विवेदी, सत्येंद्र त्रिपाठी, उपेंद्र कुमार राय, मनोज कुमार, राम प्रताप चौधरी, कंचन लता पांडेय, रंजना त्रिपाठी, शिवपूजन गुप्त, सोनी राजपाल, रीता पांडेय, अजय कुमार पांडेय, संदीप कुमार वर्मा, विपिन कुमार मिश्र, संतोष कुमार मिश्र, दीनानाथ गुप्त, ब्रह्मानंद, राजेश दूबे, श्वेता त्रिपाठी, श्याम नरायन ¨सह, अर्चना त्रिपाठी व लालबहादुर वर्मा शामिल हैं।

12460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत जिले में पाए गए दस फर्जी अभ्यर्थियों की एसटीएफ को तलाश होने की चर्चा है। इनमें से छह अभ्यर्थी मनोज कुमार प्रजापति, प्रदीप कुमार, अंजू ¨सह, प्रवीण कुमार, शिरीश कुमार व अंकुर गौतम आगरा जनपद के हैं। जबकि शगुफ्ता जोहरा, इफत आयशा, कृष्ण गोपाल शुक्ल व रामगोपाल शुक्ल जिले के गौरा व तुलसीपुर के रहने वाले हैं। 

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