प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अभ्यर्थियों के आंदोलन व
लंबी प्रतीक्षा के बाद उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (Uttar Pradesh Public
Service Commission- UPSC) ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 (LT
Grade Teacher Recruitment 2018) के 13 विषयों का रिजल्ट घोषित कर दिया।
पेपर लीक प्रकरण में फंसी एलटी ग्रेड परीक्षा के 13 विषयों में तीन हजार से अधिक पदों पर योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल पाए। इससे उक्त पदों को खाली छोड़ दिया गया है। खाली पदों पर नए सिरे से भर्ती होनी है। लेकिन, वह भर्ती लोकसेवा आयोग कराएगा या नया गठित होने वाला आयोग? उसको लेकर संशय की स्थिति है। ऐसे में यह पद फिलहाल खाली ही रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2016 में मेरिट के आधार पर एलटी शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। लेकिन, योगी सरकार जब सत्ता में आई तो उसने अखिलेश के मुख्यमंत्रित्वकाल के नियम बदलकर लिखित परीक्षा कराकर एलटी शिक्षकों की भर्ती कराने का निर्णय लिया। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को मिली। आयोग ने पहली बार 29 जुलाई 2018 को 15 विषयों की लिखित परीक्षा कराई। परीक्षा के दिन वाराणसी में हिंदी व सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर लीक हो गया। वाराणसी एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की और आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार, प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर सहित कुछ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ की कार्रवाई अभी चल रही है।
इसके चलते आयोग ने हिंदी व सामाजिक विज्ञान को छोड़कर बाकी विषयों का रिजल्ट घोषित कर दिया। इसमें 7481 पदों में योग्य अभ्यर्थी न मिलने पर 3237 पद खाली रह गए। उन्हें भरने के लिए नए सिरे से विज्ञापन निकालकर सारी प्रक्रिया पूरी करानी होगी। इधर, राज्य सरकार ने बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में होने वाली भर्तियों के लिए एक आयोग बनाने का निर्णय लिया है। आयोग गठन की कवायद इन दिनों तेजी से चल रही है।
पेपर लीक प्रकरण में फंसी एलटी ग्रेड परीक्षा के 13 विषयों में तीन हजार से अधिक पदों पर योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल पाए। इससे उक्त पदों को खाली छोड़ दिया गया है। खाली पदों पर नए सिरे से भर्ती होनी है। लेकिन, वह भर्ती लोकसेवा आयोग कराएगा या नया गठित होने वाला आयोग? उसको लेकर संशय की स्थिति है। ऐसे में यह पद फिलहाल खाली ही रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2016 में मेरिट के आधार पर एलटी शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। लेकिन, योगी सरकार जब सत्ता में आई तो उसने अखिलेश के मुख्यमंत्रित्वकाल के नियम बदलकर लिखित परीक्षा कराकर एलटी शिक्षकों की भर्ती कराने का निर्णय लिया। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को मिली। आयोग ने पहली बार 29 जुलाई 2018 को 15 विषयों की लिखित परीक्षा कराई। परीक्षा के दिन वाराणसी में हिंदी व सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर लीक हो गया। वाराणसी एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की और आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार, प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर सहित कुछ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ की कार्रवाई अभी चल रही है।
इसके चलते आयोग ने हिंदी व सामाजिक विज्ञान को छोड़कर बाकी विषयों का रिजल्ट घोषित कर दिया। इसमें 7481 पदों में योग्य अभ्यर्थी न मिलने पर 3237 पद खाली रह गए। उन्हें भरने के लिए नए सिरे से विज्ञापन निकालकर सारी प्रक्रिया पूरी करानी होगी। इधर, राज्य सरकार ने बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में होने वाली भर्तियों के लिए एक आयोग बनाने का निर्णय लिया है। आयोग गठन की कवायद इन दिनों तेजी से चल रही है।