Important Posts

Advertisement

फर्जीवाड़ा: निजी डीएलएड कालेजों में दर्जनों नटवरलाल!, एक ही शैक्षिक अभिलेख के जरिए कई निजी कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति

कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नियुक्ति पाने वाली सिर्फ एक अनामिका शुक्ला अब तक सामने आई है। वहीं, प्रदेश के निजी डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजूकेशन) कालेजों में तो दर्जनों नटवरलाल कार्यरत हैं। विभाग को इसकी पुष्ट सूचना है लेकिन, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट से रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश के 3100 से अधिक निजी डीएलएड (पूर्व बीटीसी) कालेजों में एक ही स्टाफ के कई जगह तैनाती मिलने के आसार हैं।



प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक तैयार करने का पाठ्यक्रम अब डीएलएड कहा जाता है। करीब आठ साल पहले निजी कालेजों को डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने की संबद्धता प्रदान की गई। डीएलएड कालेज हर वर्ष खुलते गए, इस समय उनकी संख्या करीब 3100 से अधिक है। इन कालेजों को 50 या फिर 100 सीटें प्रवेश के लिए आवंटित की गई हैं। 50 सीट वाले कालेज में पढ़ाने के लिए आठ शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान है। यदि सभी कालेजों को 50 सीट वाला माना जाए तो भी शिक्षकों की तादाद करीब 25 हजार पहुंचती है। इतने शिक्षक हैं जरूर लेकिन, कालेजों में तैनात नहीं हैं।

एक भी डायट ने नहीं भेजी रिपोर्ट

23 जनवरी 2020 को एक पत्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय प्रयागराज को मिला, इसमें कहा गया है कि निजी संस्थान में कार्यरत स्टॉफ एक से अधिक निजी डीएलएड संस्थानों में पंजीकृत है। इसके बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एससीईआरटी ने निर्णय लिया कि निजी डीएलएड संस्थान में अनुमोदित व कार्यरत स्टॉफ का डाटा बेस तैयार किया जाए। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र ने डायट प्राचार्यो को 20 फरवरी को पत्र भेजा और दो मार्च तक स्टाफ का विवरण मांगा, लेकिन अब तक किसी डायट ने रिपोर्ट नहीं भेजी है। दरअसल निजी डीएलएड कालेजों की गतिविधि संचालित करने का जिम्मा डायट पर है। कई निजी कालेज डायट की कृपा पर ही संचालित हैं। इसलिए डायट रिपोर्ट भेजने में उदासीन हैं।

UPTET news