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सहायताप्राप्त जूनियर स्कूलों के शिक्षकों के वेतन संबंधी ब्यौरों की होगी जांच

सरकारी के बाद अब सहायता प्राप्त स्कूलों में भी शिक्षकों के वेतन संबंधी अभिलेखों का सत्यापन होगा। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में केजीबीवी व शिक्षा मित्रों अनुदेशकों के सत्यापन के आदेश जारी हो चुके हैं। वहीं शिक्षकों के भी प्रमाणपत्र इसके बाद सत्यापित किए जाएंगे। प्रदेश में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग 


अभियान चला रहा है। प्रदेश में 3000 सहायताप्राप्त जूनियर स्कूल हैं।प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मई महीने के वेतन संबंधी कागजों, ट्रांजैक्शन व बेनिफिशियरी फाइल के अनुसार प्रदेश में 119 ऐसे शिक्षक मिले जिनमें एक ही नाम व पैन नंबर से दो से तीन जगह से वेतन निकल रहा है। हालांकि खाता संख्या अलग-अलग हैं। इसी तरह 24 ऐसे प्रकरण मिले जिसमें एक ही बैंक खाते पर एक से ज्यादा शिक्षकों का वेतन निकला। वित्त नियंत्रक ने सभी जिलों के वित्त व लेखाधिकारी को पत्र भेज कर दो दिन में रिपोर्ट निदेशालय भेजने के आदेश दिए हैं। अभी तक शिक्षकों का ब्यौरा जिलों में मौजूद होता था। वहीं आरटीजीएस के माध्यम से खाते में वेतन भेजा जाता था। लिहाजा यदि एक ही शिक्षक दो से तीन जिलों से वेतन ले रहा था तो इसकी जानकारी नहीं हो पा रही थी। अब मानव संपदा पोर्टल और पीएफएमएस इसीलिए लागू किया जा रहा है ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े की पकड़ हो सके।

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