Important Posts

Advertisement

क्लासरूम का स्थान लेने लगी डिजिटल टीचिंग: डिप्टी सीएम

लखनऊ : क्लासरूम की पढ़ाई का स्थान अब डिजिटल टीचिंग ने लेना प्रारंभ कर दिया है। हमने शिक्षा के बदलते स्वरूप को स्वीकार किया है। अब छात्र अनुशासित होकर घर से ही ऑनलाइन शिक्षा ले रहे हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित इंटरएक्टिव वचरुअल कान्फ्रेंस में यह बात कही।



‘कोविड-19 के दौरान कैसा हो शिक्षा का रोडमैप’ विषय पर आयोजित कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि शुरुआत में लगता था कि क्लासरूम टीचिंग का कोई विकल्प नहीं है। मगर अब ऐसा नहीं है। ऑनलाइन टीचिंग की राह में आने वाली दिक्कतों को दूर कर लिया गया है। हंिदूी भाषी विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम का हंिदूी में भी कंटेंट उपलब्ध कराया गया है जो प्रभा टीवी चैनल पर चल रहा है। जल्द ही दूरदर्शन पर भी चलाया जाएगा। हालांकि दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट उपलब्ध न होने, नेटवर्क बाधित होना प्रमुख चुनौती है। प्राथमिक शिक्षा में ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था अभी चुनौतीपूर्ण है। लेकिन, इन सब का हल निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज को सुविधापूर्ण बनाने के लिए शिक्षा अधिकारियों, शिक्षकों ने बेहतरीन काम किया है। यदि इस कोविड काल में कक्षा शुरू की जातीं तो असुरक्षा भी होती और काफी धन भी खर्च होता। अभिभावकों का तर्क था कि बच्चे ने संसाधनों का उपयोग नहीं किया तो उसकी फीस क्यों दी जाए? वहीं, दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन की अपनी मजबूरी थी। उनका पक्ष था कि फीस नहीं लेंगे तो शिक्षकों को वेतन कहां से देंगे। इसका भी रास्ता निकाला गया। अभिभावकों को यह राहत दी गई कि वाहन शुल्क नहीं लिया जाएगा। फीस भी तीन माह की एकसाथ जमा करने के बजाय एक-एक महीने की दे सकेंगे।

अब नकल बीते दिनों की बात

डिप्टी सीएम ने कहा कि जब विभाग का कार्यभार संभाला तब सत्र अनियमित थे। नकल व्यवसाय के रूप में बढ़ रही थी। हमने टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से नकल विहीन परीक्षा कराई। परीक्षाएं अब 12 से 15 दिन में ही होने लगी हैं, जिससे संसाधनों का उपयोग भी कम हुआ। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने भी अपने विचार रखे। पीएचडी चैंबर के डॉ. केके अग्रवाल ने सुझाव दिए। प्रो. हिमांशु राय, अशोक गांगुली, मार्टिन बेस्ट, शरद जयपुरिया, अर¨वद मोहन, सुनाली रोहरा व मसूद हक आदि विशेषज्ञों ने भी शिक्षा के ऑनलाइन स्वरूप की वकालत की।

UPTET news