मृतक आश्रित और अंतरजनपदीय तबादला होकर आए शिक्षकों की भी खंगाली जाएगी कुण्डली -फर्जी शिक्षकों की जांच का दायरा बढ़ाया गया

मृतक आश्रित और अंतरजनपदीय तबादला होकर आए शिक्षकों की भी खंगाली जाएगी कुण्डली -फर्जी शिक्षकों की जांच का दायरा बढ़ाया गया
अब अंतरजनपदीय तबादले से लाभान्वित शिक्षकों की पूरी कुंडली भी खंगाली जाएगी। वहीं मृतक आश्रित कोटे में नौकरी कर रहे लोंगों की विशेष जांच होगी कि कहीं एक मृतक के आधार पर दो-तीन आश्रित तो बात नहीं कर रहे। बेसिक शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी के लिए तय किए किए नौ बिन्दुओं के साथ साथ बिन्दु और जोड़े गए हैं। पिछले दिनों शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का पुनर्गठन करते जल्द जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे। ये कमेटी 2018 में बनाई गई थी। इसमें 2010 से हुई नियुक्तियों पर नौ बिन्दुओं पर जांच होनी थी। अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने इसमें सात और बिन्दुओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसमें यह भी शामिल किया गया है कि एसटीएफ, एसआईटी या अन्य स्रोतों से चिह्नित शिक्षकों की सेवा बर्खास्तगी व वेतन वसूली की कार्रवाई हुई है या नहीं। इसे जांच टीम पूरा करवाएगी। कमेटी यह भी देखेगी कि जो शिक्षक अन्य जिलों से स्थानांतरित होकर आए हैं, उन्होंने पैन, बैंक खाता या आधार नंबर तो नहीं बदला है? वहीं मृतक आश्रित ने अगर स्थानांतरण लिया है तो उसका कारण क्या है, एक मृतक के नाम पर कहीं ज्यादा आश्रितों को नौकरी तो नहीं मिल गई है। विभाग ने वेतन भुगतान के लिए जो फाइल वित्त व लेखाधिकारी को भेजी,उन्हीं खातों में वेतन गया है या नहीं। यदि नहीं तो लेखाधिकारी के खिलाफ जिम्मेदारी तय की जाए। वहीं सभी नियुक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन अभी तक हुआ है या नहीं। यदि नहीं हुआ तो उसे संबंधित बोर्ड या विवि भेजा जाए। 

पहले से इन बिन्दुओं पर जांच के थे निर्देश - 
चयन वर्ष में प्रकाशित मेरिट लिस्ट से मिलान कि वर्तमान में जो शिक्षक हैं, वे वही हैं जिनके नाम चयन सूची में थे। -नियुक्ति पत्र कार्यालय से लेने वाले शिक्षक, नियुक्ति पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाता है 
- शिक्षक विज्ञापन की पात्रता को पूरा करता है या नहीं?
- जो शिक्षक वेतन ले रहे हैं क्या वे वही हैं जिनका नाम चयन सूची में था? - शिक्षकों ने आवेदन किया था या नहीं