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UPPSC: समय से परीक्षा-परिणाम, भ्रष्टाचार के सुराख भी:- सवाल उठाने वालों पर आयोग मौन

प्रयागराज : समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) भर्ती 2016 की प्रारंभिक परीक्षा हुई, उसमें पेपर लीक का आरोप लगा। न्यायालय और जांच एजेंसियों में भर्ती फंसी रही। इस परीक्षा को उप्र लोकसेवा आयोग अध्यक्ष प्रभात कुमार ने रद करने का निर्णय लिया। परीक्षा की नई तारीख भी घोषित हो चुकी है। 2013 की जेई, 2013-14 की मेडिकल अफसर और शिक्षा विभाग में प्रवक्ता भर्ती 2014 के लंबित परिणाम बीते एक साल में ही बड़े पैमाने पर जारी हुए हैं।


प्रदेश के सबसे अहम भर्ती संस्थान उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की छवि एक साल में बदल गई है। भले ही कर्मचारी चयन आयोग की तरह रिजल्ट की तारीख पहले से घोषित न हो रही हो लेकिन, परिणाम तेजी से घोषित करने का मानों अभियान छिड़ा है। कार्यालय में प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त किया और अभ्यíथयों को विश्वास में लेने के लिए हर बुधवार मिलने की परम्परा भी एक साल की बड़ी उपलब्धि है। ज्ञात हो कि प्रदेश के तेजतर्रार प्रशासनिक अफसर डा. प्रभात दो जुलाई 2019 को आयोग अध्यक्ष बने थे।


अहम कार्य : पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के सफल अभ्यíथयों की संख्या को पद के सापेक्ष 18 से 13 गुना किया’मुख्य परीक्षा में पांच विषय रक्षा अध्ययन, समाज कार्य, कृषि अभियांत्रिकी, अरबी, फारसी को समाप्त किया यह प्रकरण कोर्ट में लंबित है’इंटरव्यू के अंक 200 से घटाकर 100 किया, क्योंकि वहां अघोषित भष्टाचार था’प्रारंभिक परीक्षा की उत्तरकुंजी व अंक पत्र देना बंद’मुख्य परीक्षा का वास्तविक अंक देना बंद।

आखिर अविश्वास क्यों: अहम परीक्षाओं की प्री परीक्षा की उत्तरकुंजी नहीं देने और कटऑफ मार्क न देने आदि से अभ्यर्थियों का बड़ा वर्ग खफा है। ऐसे में उन वजहों को स्पष्ट नहीं किया गया है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया। प्रतियोगी अवनीश पांडेय कहते हैं कि यदि अध्यक्ष की ओर से उठाया गया कदम परीक्षा परिणाम को जल्द लाने के लिए है तो इस बात की क्या गारंटी कि इनके बाद आने वाला अध्यक्ष इस नियम की आड़ में भ्रष्टाचार नहीं करेगा?

सवाल उठाने वालों पर आयोग मौन : यूपीपीएससी के निर्णयों पर इन दिनों आए दिन अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं और आयोग उस पर सफाई दे रहा है। इससे संदेश गलत जा रहा है।

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