Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

तदर्थ शिक्षकों के लिए गले की फ़ांस बना चयन बोर्ड का फार्मूला, ज्यादातर तदर्थ शिक्षक चयन से रह जाएंगे वंचित

 प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से जारी 15508 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन तदर्थ शिक्षकों के लिए मुसीबत बन गया। तदर्थ शिक्षकों के लिए वेटेज अंक की व्यवस्था की गई है, लेकिन

फार्मूला इस तरह निर्धारित किया गया है कि तदर्थ शिक्षकों के लिए चयनित होने से ज्यादा चयन प्रक्रिया से बाहर होने का खतरा है। शिक्षकों ने बोर्ड के फार्मूले पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए संशोधन करने और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। सामान्य अभ्यर्थियों के बराबर प्रश्न हल करने के बावजूद वेटेज अंक की व्यवस्था उन्हें मेरिट में और पीछे ले जा सकती है।



टीजीटी के विज्ञापन के अनुसार 500 अंकों का एक प्रश्नपत्र होगा, जिसमें कुल 125 सवाल होंगे। सामान्य अभ्यर्थी को एक प्रश्न के लिए चार अंक मिलेंगे, जबकि तदर्थ शिक्षकों को एक प्रश्न के लिए केवल 3.72 अंक दिए जाएंगे। तदर्थ शिक्षक को एक वर्ष की सेवा के लिए 1.75 अंक मिलेंगे और अधिकतम 35 अंक होंगे। तदर्थ शिक्षकों के लिए वेटेज अंक का यही फार्मूला विसंगति बन गया है। उदाहरण के तौर पर एक सामान्य अभ्यर्थी अगर 100 सवाल का सही जवाब देते हैं तो उसे 400 अंक मिलेंगे। वहीं, कोई तदर्थ शिक्षक, जिसने 12 वर्षों तक अध्यापन कार्य किया है और उसने भी सामान्य अभ्यर्थी की तरह 400 अंकों के 100 सवालों का सही जवाब दिया है तो उसे सही जवाब के लिए 372 अंक मिलेंगे। साथ ही 21 वेटेज अंक भी मिलेंगे। इस प्रकार कुल 393 अंक प्राप्त होंगे। यानी सामान्य अभ्यर्थी के बराबर प्रश्न हल करने और वेटेज अंक पाने के बावजूद तदर्थ शिक्षक मेरिट में और पीछे चले जाएंगे।
ऐसी ही परिस्थितियों का सामना तदर्थ प्रवक्ता को भी करना होगा। अगर कोई सामान्य अभ्यर्थी के रूप में 100 प्रश्न हल करता है तो उसे 100 गुणा 3.4 यानी 340 अंक मिलेंगे। वहीं, तदर्थ कोटे में 100 प्रश्न हल करने पर उसे 100 गुणा 3.12 यानी 312 अंक मिलेंगे। वेटेज अंक के रूप में 12 गुणा 1.75 यानी 21 अंक प्राप्त होंगे। इस प्रकार कुल 333 अंक मिलेंगे। अभ्यर्थियों ने विज्ञापन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह तदर्थ शिक्षकों के साथ भद्दा मजाक है। यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि शिक्षक भर्ती का विज्ञापन तदर्थ शिक्षकों के लिए अन्यायपूर्ण है। फार्मूले में विसंगति के कारण ज्यादातर तदर्थ शिक्षक चयन से वंचित रह जाएंगे।

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts