प्रयागराज : 69000 शिक्षक भर्ती की जिला आवंटन सूची में शामिल अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र की गलतियां सुधारने के लिए वेबसाइट खोले जाने के आसार नहीं हैं। यह जरूर है कि जिन अभ्यíथयों को शीर्ष कोर्ट या फिर हाईकोर्ट से राहत मिली है उनसे जिला चयन समिति शपथपत्र लेकर निर्णय कर सकती हैं, इसमें अंक बदलने से उनका जिला आवंटन भी बदला जा सकता है। काउंसिलिंग शुरू होने पर बेसिक शिक्षा परिषद सचिव हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए आदेश जारी कर सकते हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर चयन के लिए अभ्यर्थी लंबे समय से आवेदन पत्र में प्राप्तांक व पूर्णाक आदि में संशोधन के लिए अवसर देने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि लिखित परीक्षा के लिए आवेदन करते समय गलती से अंकन गलत हो गया है, वह दुरुस्त न होने पर वे काउंसिलिंग में चयन से बाहर हो जाएंगे। परिषद ने आनलाइन संशोधन का मौका नहीं दिया तो कई ने हाईकोर्ट की शरण ली गई। कोर्ट ने कुछ को राहत देने का आदेश दिया है। वहीं, हाईकोर्ट ने एक प्रकरण में यह भी कहा कि संशोधन का अवसर नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इससे चयन मेरिट बदल जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश पर सचिव ने कराया था चयन
68500 शिक्षक भर्ती में अभ्यíथयों को त्रुटि संशोधन का अवसर कोर्ट से ही मिला था। 2018 में राजेश गुप्ता बनाम स्टेट आफ यूपी व तीन अन्य केस में कोर्ट ने आदेश दिया था, तब तत्कालीन सचिव परिषद रूबी सिंह ने जिला चयन समितियों को आदेश दिया था कि पूर्णांक व प्राप्तांक में बदलाव से यदि मेरिट प्रभावित होती है तो उसका असर जिला आवंटन पर पड़ेगा। अभ्यर्थी से इस आशय का शपथपत्र लिया जाए कि आनलाइन आवेदन पत्र त्रुटिपूर्ण भरे गए अंकों के आधार पर अभ्यर्थी को जिला आवंटित किया गया है।